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रावलपिंडी: पाकिस्तानी चयनकर्ताओं ने कभी मोटापे के कारण उसकी अनदेखी की थी लेकिन आबिद अली ने संयम नहीं छोड़ा और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के दौरान बल्लेबाजी में इतिहास रच डाला। आतंकवादी हमले के दस साल बाद अपनी सरजमीं पर हुए पहले टेस्ट में पाकिस्तान के लिएसब कुछ निराशाजनक रहा लेकिन आबिद के रूप में उसे नया सितारा जरूर मिल गया। बारिश के कारण पहला टेस्ट ड्राॅ रहा। 

इस टेस्ट में आबिद ने शतक जड़ा और वनडे तथा टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के साथ सैकड़ा जमाने वाले वह पहले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने रावलपिंडी में नाबाद 109 रन बनाए जबकि मार्च में आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण के साथ 112 रन की पारी खेली थी। बत्तीस बरस के आबिद को हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलता देर से मिली। लाहौर के मोजांग इलाके के रहने वाले आबिद को शहर के चयनकर्ताओं ने भी एक बार खारिज कर दिया था। 

इससे उसने अपने आदर्श भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से मिलने का मौका भी गंवा दिया। उसने कहा, ‘मैं तेंदुलकर से नहीं मिल सका क्योंकि मैं विश्व कप टीम में नहीं था। मैने सब्र नहीं छोड़ा और मुझे पता था कि मेरा टाइम भी आएगा।' सितंबर में कायदे आजम ट्राॅफी में सिंध के लिए नाबाद 249 रन बनाने वाले आबिद को पाकिस्तान की टेस्ट टीम में मौका मिला। दोनों टेस्ट में हालांकि वह टीम में जगह नहीं बना सके। पाकिस्तान को दोनों में बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ी। आखिर में उन्हें रावलपिंडी टेस्ट में मौका मिला। बारिश के कारण पहले तीन दिन 91.3 ओवर ही फेंके जा सके और चौथे दिन खेल नहीं हो सका। पांचवें दिन आबिद ने हालांकि शतक जड़ डाला ।