नई दिल्ली, 14 फरवरी (प.स.): केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गत दिवस शतरंज ओलिम्पियाड की मशाल हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट को सौंपी जो इस साल इस प्रतिष्ठित टूर्नामैंट की मेजबानी करेगा। ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर ने फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच और मेजबान शहर के प्रतिनिधियों को मशाल सौंपी।
2024 शतरंज के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि फीडे अपना 100वां जन्मदिन मना रहा है। इस विशाल मील के पत्थर को मनाने के लिए, यह वर्ष दुनिया भर में शतरंज गतिविधियों से भरा रहेगा - त्योहारों और ऐतिहासिक प्रदर्शनियों से लेकर कैंडिडेट्स जैसे विशेष टूर्नामेंट तक। भंडार में बहुत कुछ है और उत्साहित होने के लिए भी बहुत कुछ है।
अब, उत्सव की धमाकेदार शुरुआत करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है? आज FIDE के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में भारत में आयोजित एक विशेष शतरंज मशाल समारोह में ठीक यही हुआ।
शतरंज ओलिम्पियाड में मशाल रिले की परंपरा चेन्नई में जुलाई0अगस्त 2022 में खेली गई प्रतियोगिता से पहले जून 2022 में भारत ने शुरू की थी। चेन्नई में खेले गए शतरंज ओलिम्पियाड में 2,500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था तथा भारत ने इस प्रतियोगिता में 9 पदक जीते थे, जिनमें महिला टीम का ऐतिहासिक कांस्य पदक भी शामिल है। भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद और हंगरी की ग्रैंड मास्टर जुडिथ पोल्गर भी इस अवसर पर उपस्थित थे
दरअसल 2022 में ही फीडे नें यह निर्णय लिया था की हर दो वर्ष में होने वाले विश्व शतरंज ओलंपियाड की मशाल हमेशा इस खेल की जन्मभूमि भारत से ही शुरू हुआ करेगी और इसी परंपरा की शुरुआत इस वर्ष की गयी ।