Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 01:05 PM
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भले ही भारत को पाक के हाथों शर्मनाक हार सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भले ही भारत को पाक के हाथों शर्मनाक हार सामना करना पड़ा हो लेकिन युवा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और भुवनेश्वर कुमार ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। सिर्फ इन दो खिलाडिय़ों को छोड़कर पूरी टीम गेंदबाजी और बल्लेबाजी में पाकिस्तानी टीम के आगे घुटने टेकते हुए नजर आई।
भुवी के 10 ओवरों में 2 मेडन
पाकिस्तानी बल्लेबाजों के आगे भारतीय गेंदबाज बेबस नजर आए। केवल भुवनेश्वर कुमार ही कुछ प्रभावशाली रहे जिन्होंने 10 ओवर में 44 रन देकर एक विकेट लिया। हार्दिक पांड्या को 10 ओवर में 53 रन पर एक विकेट और पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर केदार जाधव को तीन ओवर में 27 रन पर एक विकेट मिला। शुरूआत के 6 ओवर गेंदबाजी करने के बाद भुवी ने सिर्फ 12 रन दिए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने पूरे 10 ओवरों में 2 मेडन ओवर भी फेंके। बाकी भारतीय गेंदबाजों को देखकर तो ऐसा लग रहा था कि उनके बीच ज्यादा स्कोर खाने का कॉम्पटीशन चल रहा हो।
पांड्या की शानदार बल्लेबाजी
सातवें नंबर के बल्लेबाज हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी ने सबका दिल जीत लिया। पांड्या ने 43 गेंदों में चार चौकों और छह छक्कों की मदद से 76 रन की तूफानी पारी खेली जिसके बाद फैंस की उम्मीदें कुछ देर के लिए जगी, लेकिन उनके रनआउट होते ही भारत की तमाम उम्मीदें जमींदोका हो गईं। पांड्या की शानदारी बल्लेबाजी ने न केवल लोगों का दिल जीता बल्कि 1991 वन-डे विश्व कप फाइनल में बनाए एडम गिलक्रिस्ट के रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। गिलक्रिस्ट ने 33 गेंद में अद्र्धशतक पूरा किया जिसमें 8 चौके और 1 छक्के शामिल थे जबकि पांड्या ने मात्र 32 गेंद में 4 छक्कों और 3 चौकों की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने पूरी पारी में 43 गेंद पर 4 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 76 रनों बनाए।