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नई दिल्ली: अाईएसएल में पहली बार उतरी और पहली बार ही फाइनल में खेलने वाली टीम बेंगलुरू के कप्तान सुनील छेत्री उनके बारे में सभी जानते हैं। 21 साल के उदांता सिंह ने भी अपने आप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साबित किया है और शीर्ष फुटबाल में चार सीजन खेल चुके हैं।
पहले ही सीजन में 13 गोल कर चुके भारत की राष्टीय टीम के कप्तान छेत्री ने कहा कि बेंगलुरू खिताबी मुकाबले को हल्के में नही ले सकती और यह मुकाबला सभी मैचों में से कठिन चुनौती है। क्योंकि भारतीय टीम के एक अन्य स्टार जेजे लालपेख्लुअा के रहते हुए 2015 की चैम्पियन चेन्नइयन बेहद खतरनाक है और इस स्टार खिलाड़ी ने एफसी गोवा के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल में दो गोल करते हुए चेन्नइयन को दूसरी बार फाइनल में अपना सबसे बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने कहा बताया “हम यह सोच कर अपने आप पर दबाव नहीं बनाना चाहते की यह फाइनल है। हम खेल के हर क्षेत्र में निरंतरता रखने में सफल रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी हमें काफी कुछ करने की जरूरत है। हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलें।” 

बेंगलुरू ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है और कुल 35 गोल दागे हैं। वह लीग में टेबल में पहले स्थान पर रही थी। लीग दौर में उसने अपने खाते में 13 जीत डाली थीं। वह चार मैच पहले ही प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी थी और दूसरे स्थान पर रहने वाली चेन्नइयन से आठ अंक आगे थी।

डफील्ड में स्पेन के दिमास डेल्गाडो (35), एरिक पार्टलू (31) ने अपने आप को साबित किया है। वहीं डिफेंस में जॉन जॉनसन (29) क्लब की शुरुआत से ही टीम के साथ हैं। उन्होंने क्लब को दो बार आई-लीग और 2016 में एएफसी कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

जुआनन (30) बेंगलुरू के डिफेंस की एक और मजबूत कड़ी हैं। वहीं रिक्रिएटिवो हुएलेवा ने भारत आने से पहले हंगरी को सफलता दिलाई है।

टीम में हरमनजोत खाबरा (29) हैं जो चेन्नइयन के साथ 2015 में आईएसएल का खिताब जीत चुके हैं। लेनी रोड्रिगेज काफी समय से भारत में फुटबाल खेल रहे हैं और वह चर्चिल ब्रद्र्स के साथ आई-लीग का खिताब जीत चुके हैं।

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