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नई दिल्ली : गत चैंपियन और भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में हारकर रविवार को खिताब बचाने से चूक गर्ईं। 5वीं सीड अमेरिका की बेईवेन झांग ने एक घंटे नौ मिनट तक चले खिताबी मुकाबले में शीर्ष वरीयता प्राप्त सिंधू को 21-18, 11-21, 22-20 से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही विश्व रैंकिंग में 11वें नंबर की खिलाड़ी झांग ने चौथे नंबर की सिंधू के खिलाफ अब अपना करियर रिकॉर्ड 3-2 कर लिया है। झांग ने मैच में शुरु से ही अच्छी शुरुआत की और 3-0 की बढ़त बना ली।। लेकिन सिंधू ने वापसी करते हुए स्कोर 3-3 से बराबर कर लिया। झांग ने इसके बाद आक्रामक खेल दिखाना शुरू किया स्कोर को 8-5 कर दिया। लेकिन पहले ब्रेक के बाद एक समय तक स्कोर 14-14 पहुंचा और फिर झांग 18-16 की बढ़त बनाने में भी कामयाब हुईं। इसके बाद झांग ने पहला गेम 21-18 से जीत लिया।

रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता ने सिंधू ने दूसरे गेम में पहले 5-2 और फिर 11-4 की बढ़त बनाई। भारतीय खिलाड़ी ने इस बढ़त को 17-10 किया और फिर आसानी से 21-11 से गेम को जीत लिया। तीसरे गेम में भी दोनों खिलाड़यिों के बीच जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिला। 9-11 से पिछडऩे के बाद सिंधू ने पहले 13-12 की बढ़त बनाई और फिर इसके बाद स्कोर 15-15 तक पहुंचा दिया। लेकिन झांग ने वापसी की और स्कोर को 20-20 से बराबर करने के बाद 22-20 से तीसरा गेम और मैच जीत लिया। इससे पहले टूर्नामेंट के पुरुष एकल के फाइनल में चीन के शी यूकी ने चीनी ताइपे के चौ तिएन चेन को 21-18, 21-14 से पराजित कर खिताब अपने नाम किया। यूकी ने यह मुकाबला 47 मिनट में जीता।  

सिंधू पर काफी दबाव, मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था: बेईवान
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दुनिया की 11वें नंबर की खिलाड़ी अमेरिका की बेईवान झेंग ने इंडिया ओपन 2018 के फाइनल में पीवी सिंधू को हराकर पहली बार सुपर सीरीज स्तर का खिताब जीतने के बाद इसे अपने करियर की सबसे बड़ी जीत करार देते हुए कहा कि उनके पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था जबकि मेजबान देश की खिलाड़ी होने के कारण सिंधू पर काफी दबाव था। पहली बार सुपर सीरीज स्तर के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में खेल रही पांचवीं वरीय बेईवान ने सिरी फोर्ट खेल परिसर में शीर्ष वरीय और गत चैंपियन सिंधू को 69 मिनट चले मुकाबले में 21-18, 11-21, 22-20 से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। बेईवान ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘उसके ऊपर अधिक दबाव था। मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था। भारतीय दर्शक चाहते थे कि वह जीते इसलिए वह दबाव में थी और उसे इसका नुकसान हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने कमजोर और मजबूत पक्ष पता है और मैं इन्हीं के मुताबिक खेली। मैं आक्रामक खिलाड़ी हूं लेकिन मैंने कम स्मैश मारे।