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नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अपनी नीलामी की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए फैसला किया कि आगामी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों के लिए बीसीसीआई के मीडिया अधिकार ( प्रसारण और डिजिटल) ई-नीलामी के जरिए किए जाएंगे। पहले इनका निर्धारण सीलबंद टेंडर प्रक्रिया के तहत किया जाता था जो इस साल आईपीएल में इस्तेमाल की गई थी। ई-नीलामी के 27 मार्च को होने की उम्मीद है। इन अधिकारों कों तीन वर्गों में बांटा गया है, जो वैश्विक टीवी अधिकार और शेष विश्व डिजिटल अधिकार पैकेज, भारतीय-उपमहाद्वीप डिजिटल अधिकार पैकेज और वैश्विक संयुक्त अधिकार पैकेज हैं। हालांकि विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने ज्यादातर नीतिगत फैसले अकेले ही ले लिए हैं और इसके लिए बीसीसीआई की आम सभा बैठक को भी नहीं बुलाया।              

एक नाराज सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘‘हां, हमें एक नोट मिला है जिसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए बीसीसीआई के मीडिया अधिकार ई-नीलामी प्रक्रिया के जरिए किए जाएंगे। अब इस नोट में इसका जिक्र नहीं किया गया है कि अचानक से यह फैसला क्यों किया गया जबकि बीसीसीआई ने पूर्व प्रक्रिया से आईपीएल अधिकारों के लिए स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 16,347 करोड़ रूपये का बड़ा करार किया था। परंपरा के अनुसार उन्होंने आम सभा बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई।’’      

ई-कामर्स मेजर संभालेगा जिम्मेदारी
पता चला है कि ई-कामर्स मेजर 'एमजंक्शन' इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभालेगा जो विभिन्न स्पेक्ट्रम में ई-नीलामी आयोजित कराता है। गुस्साए अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘अब ई-नीलामी के लिए एमजंक्शन को रखने की प्रक्रिया क्या थी, इसकी भी जानकारी नहीं है। वैसे भी सीओए को कुछ सवाल पूछना भी पसंद नहीं है।’’ 

भारत के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों के लिए बीसीसीआई के प्रसारण अधिकार इस समय स्टार स्पोर्ट्स के पास हैं जो टेस्ट, वनडे और टी-20 मैचों के लिए प्रत्येक मैच का 43.2 करोड़ रूपये का भुगतान करता है। हालांकि स्टार ने लुभावनी आईपीएल के अधिकार हासिल कर लिए हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किसी भी वर्ग में प्रवेश करने के लिए इच्छुक हैं या नहीं। दिलचस्प बात है कि बीसीसीआई के मौजूदा समय में सबसे ताकतवर अधिकारियों (सीओए के अलावा) में से एक ई-नीलामी के पक्ष में नहीं है।