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जालंधर: साल 2017 हाॅकी इंडिया के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा है जिसमें टीम ने सफलता तो हासिल की लेकिन साथ ही कुछ टूर्नामेंटों में निराशा भी हाथ लगी है। इस वर्ष दो स्वर्ण और तीन कांस्य पदक भारत के नाम रहे लेकिन बड़े टूर्नामेंटों की सफल मेजबानी से अंतरराष्ट्रीय हाॅकी में भारत का रूतबा बढ़ा। भारतीय सीनियर पुरूष टीम ने इस साल एशिया कप में पीला तमगा जीता जबकि अजलन शाह कप और भुवनेश्वर में हुए हाकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य से संतोष करना पड़ा। 

भारतीय हाॅकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने पंजाब केसरी से बात करते हुए कहा, "यह साल टीम ने काॅफी उतार-चढ़ाव देखा है। कई टूर्नामेंट में प्रदर्शन बढ़िया रहा लेकिन हाॅकी वर्ल्ड लीग के सेमाफाइनल में टीम ने खराब खेला और नतीजा सबके सामने था। हालांकि ओवरआॅल देखा जाए तो टीम ने हाॅकी वर्ल्ड लीग के फाइनल में 'Bronze' मेडल जीत कर साल का अंत किया और टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। अगले साल हम अपनी परफार्मेंस को बेहतर करने की कोशिश करेंगे।"

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2018 की तैयारी
2018  में भारतीय टीम को काॅमनवेलथ खेल, एशियन खेल और विश्व कप जैसे अहम टूर्नामेंट खेलने हैं। मनप्रीत ने कहा, "यह साल हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर एशियन खेल जो कि वर्ल्ड कप क्वालीफायर भी है। सबसे पहला टूर्नामेंट काॅमनवेलथ खेल हैं और टीम इसमें गोल्ड या फिर पिछली बार के प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगी।" भारत ने आखिरी बार इन खेलों में सिलवर मेडल जीता था।