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नई दिल्लीः फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप का प्रबंधन इस बार भारत में किया गया था। इस टूर्नामेंट को लेकर आयोजन कर्ताओं का कहना था कि उन्होंने इस टूर्नामेंट को सफल बनाया है, लेकिन वही फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के निर्देशक जेवियर केप्पी ने उसे लेकर भारत की पोल खोली है। जेवियर केप्पी ने भारत में इस टूर्नामेंट का प्रबंध करने वालों के उपर फटकार लगाई है। केप्पी ने कहा कि, ''मैनें ड्रेसिंग रुम में खिलाड़ियों को चूहों के बराबर कपड़े बदलते हुए देखा है।''

चूहों के बीच खिलाड़ी बदल रहे थे कपड़े
केप्पी बोले कि, हमारा काफी समान चोरी हुआ है परन्तु वहां पर किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा था। वहां पर ना तो किसी को कोई खिलाड़ी की परवाह थी और ना ही किसी को प्रशंसकों से कोई फर्क पड़ रहा था। ऐसी जगह पर ईवेंट था जहां पर खिलाड़ी चूहों के साथ कपड़े बदल रहे थे। लोग कह रहे हैं कि वर्ल्ड कप हर तरह से सफल है लेकिन एक प्रशंसक के तौर पर मैं बात करुं तो मुझे नही लगता कि प्रशंसकों के लिए यह सफल था और यह सच्चाई भी है। यह टूर्नामेंट ओर भी सफल बन सकता था। 

उस लेवल का खेल नही था
केप्पी बहुत निराश होकर बोले कि, ''प्रशंसकों के लिए वह सफल होता है जब उन्हें एक शानदार फुटबाल देखने को मिले जो उन्होंने पहले ना देखा हो। जो अंडर-17 टीम का लेवल है यह उस लेवल का नही था।''

भारत ने ऐसा खेल पहली बार देखा
इसके बाद केप्पी ने कहा कि, “भारतीयों ने इस प्रकार का खेल पहली बार देखा है इसलिए वह पहले जैसे टूर्नामेंटों के साथ तुलना करने में ठीक नही था। भारत में टूर्नामेंट का आयोजन करना बहुत काफी कठिन है क्योंकि भारत 11 घंटों में कोई समस्या का समाधान करता है। भारत में फिर से टूर्नामेंट का आयोजन करने में काफी परेशानी होगी। इसमें सबसे मुख्य कारण बुनियादी ढांचा है जो कि हमारे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए परेशानी खड़ी करेगा। यहां पर एक चीज 27 घंटों में ही आ सकती है। हमारे अनुकूल 2010 के राष्ट्रमंडल खेल थे।”