Sports


खेल डैस्क : क्या आप जानते हैं कि ओलिम्पिक में मैडल जीतने पर एथलीट्स को कोई नगद पुरुस्कार नहीं दिया जाता। विजेता एथलीट्स जब अपने देश पहुंचता है तो उन्हें वहां सरकार से मिलने वाली नगद राशि ही उनका ईनाम होती है। स्पांसर, राज्य सरकार, संस्थाओं को छोड़कर अगर केवल विभिन्न देशें की केंद्र सरकारों पर नजर दौड़ाई जाए तो भारत सरकार अभी गोल्ड मैडल विजेता को रिकॉर्ड 75 लाख रुपए ऑफर कर रही है जोकि संयुक्त राज्य अमेरिका से ज्यादा है। अमेरिका जो ओलिम्पिक इतिहास में सबसे ज्यादा मैडल लाने वाले देशों में से एक है, इस समय गोल्ड मैडल विजेता को सिर्फ 61 लाख रुपए ऑफर कर रहा है। वहीं, मैडल की चाहत में सर्बिया सरकार इस बार रिकॉर्ड बनाती हुई नजर आ रही है। उन्होंने देश से गोल्ड मैडल विजेता को रिकॉर्ड 2.15 लाख डॉलर यानी 1.79 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है जोकि ओलिम्पिक इतिहास में किसी एथलीट को उसके देश की सरकार की ओर से दी जाने वाली सबसे बड़ी राशि है। केवल सर्बिया ही नहीं, मलेशिया और मोरक्को भी गोल्ड मैडल विजेता को करीब 2 लाख डॉलर देने की ऑफर कर रही है। 

 

Gold Medal, Paris olympics, Paris 2024, Olympics news in hindi, sports, स्वर्ण पदक, पेरिस ओलंपिक, पेरिस 2024, ओलंपिक समाचार हिंदी में, खेल


सर्बिया ने टोक्यो ओलिम्पिक में जीते थे 9 मैडल
ओलिम्पिक में सर्बिया का रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं है। उन्होंने अब तक 24 मैडल जीते हैं जिनमें 6 गोल्ड, 7 सिल्वर, 11 ब्रॉन्ज शामिल हैं। सर्बिया ने 1912 में हुए ओलिम्पिक में पहली बार एंट्री ली थी। उन्हें पहला मैडल 2008 बीजिंग ओलिम्पिक में मिला था। उनके एथलीट्स की संख्या तो बढ़ती गई लेकिन पदकों की संख्या नहीं बढ़ पाई। सर्बिया के प्रैसीडैंट अलैक्जेंडर वुसिक का खेलों पर विशेष फोकस है। उन्होंने देश में खेल कल्चर को बढ़ावा देने के लिए यह बड़ी घोषणा की है।


भारत सरकार देती है 75 लाख रुपए
मौजूदा समय में भारत सरकार की ओर से गोल्ड विजेता को 75 लाख, सिल्वर मैडल विजेता को 50 लाख तो ब्रॉन्ज मैडल विजेता को 30 लाख ऑफर किया जा रहा है। लेकिन भारतीय एथलीट्स को निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे ज्यादा राज्य सरकारें एथलीट्स को ऑफर कर रही हैं। हरियाणा सरकार गोल्ड जीतने पर 6 करोड़ रुपए तक की ऑफर दे रही है। एथलीट्स देशों की अन्य समाज सेवी संस्थाओं भी मैडल विजेता प्लेयर नगदी लाभ लेने के हकदार हो जाते हैं। नीरज चोपड़ा 2020 टोक्यो ओलिम्पिक में गोल्ड लाने पर विभिन्न संस्थाओं, राज्य सरकारों, प्रतिष्ठित उद्योगपतियों से 10 करोड़ से ज्यादा के लाभ लेने में सफल रहे थे।


अमेरिका दे रहा 61 लाख रुपए
अमेरिकी ओलिम्पिक समिति ने पेरिस में प्रत्येक स्वर्ण पदक के लिए 37,500 डॉलर (करीब 61 लाख रुपए), रजत के लिए 22,500 डॉलर और कांस्य के लिए 15,000 डॉलर की पेशकश की है। भले ही भारी भुगतान की पेशकश करने वाले अन्य देशों की तुलना में उनका भुगतान औसत से थोड़ा कम है लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा मैडल मिलते हैं।


Gold Medal, Paris olympics, Paris 2024, Olympics news in hindi, sports, स्वर्ण पदक, पेरिस ओलंपिक, पेरिस 2024, ओलंपिक समाचार हिंदी में, खेल

 

1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों में विजेताओं को एक जैतून के पेड़ की शाखा और एक रजत पदक दिया गया था। इस पुरुस्कार को सबसे पहले मैसाचुसेट्स के ट्रिपल जंप चैम्पियन जेम्स बी. कोनोली ने स्वीकार किया था।


Gold Medal, Paris olympics, Paris 2024, Olympics news in hindi, sports, स्वर्ण पदक, पेरिस ओलंपिक, पेरिस 2024, ओलंपिक समाचार हिंदी में, खेल

 

6 ग्राम गोल्ड होता है मैडल में
जिस सोने के पदक के लिए दुनिया भर के एथलीट्स कड़ी मेहनत करते हैं, उसमें उन्हें पूरा सोना नहीं मिलता। दरअसल, 1912 तक हुए ओलिम्पिक में एथलीट्स को प्रथम आने पर खरे सोने से बना गोल्ड मैडल दिया जाता था लेकिन इसके बाद इसे चांदी के मैडल पर सोने की परत चढ़ाकर दिया जाने लगा। मौजूदा समय में 85 एम.एम. व्यास वाले मैडल की मोटाई केवल 9.92 एम.एम. होती है। गोल्ड मैडल का वजन 529 ग्राम होता है लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसमें केवल 6 ग्राम गोल्ड का ही इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल में ठोस धातुओं की भरमार होती है।

 


नीरज चोपड़ा पर सबसे ज्यादा खर्च

 

Gold Medal, Paris olympics, Paris 2024, Olympics news in hindi, sports, स्वर्ण पदक, पेरिस ओलंपिक, पेरिस 2024, ओलंपिक समाचार हिंदी में, खेल


टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत, कई भारतीय एथलीटों को प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण धन प्राप्त हुआ है। इनमें भाला फेंक प्लेयर नीरज चोपड़ा जो कि टोक्यो ओलिम्पिक में स्वर्ण पदक विजेता भी थे को, 5.72 करोड़ रुपए के लाभ दिए गए। इसके तहत उन्हें वर्तमान विदेशी कोच डॉ क्लॉस बार्टोनिट्ज की सेवाएं मिलीं। इसके अलावा यूरोप में पूर्व-ओलिम्पिक शिविर के लिए सहायता और यूरोप, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में प्रतियोगिता के लिए सहायता पर खर्च किए गए हैं।
भारत सरकार ने 470 करोड़ मैडल के लिए खर्चे
पेरिस ओलिम्पिक में भारतीय एथलीट्स मैडल लाएं इसके लिए भारत सरकार ने कुल 470 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 
एथलैटिक्स : 96.08 करोड़
बैडिमंटन : 72.02 करोड़
बॉक्सिंग : 60.93 करोड़
शूटिंग : 60.42 करोड़
हॉकी : 41.29 करोड़
आर्चरी : 39.18 करोड़
रैसलिंग : 37.80 करोड़ 
वेटलिफ्टिंग : 26.98 करोड़