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लंदन : ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 10 दिनों के ब्रेक के बाद दोबारा शुरू होने पर उनके वापस नहीं आने का परिणाम चाहे जो भी हो वह अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स के लिए ‘पूरी तरह से प्रतिबद्ध' हैं। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के शिविरों को निशाना बनाकर सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव के कारण इस लीग को 10 दिनों के लिए रोकना पड़ा था। 

लीग जब 17 मई से दोबारा शुरू हुई तो स्टार्क ने ऑस्ट्रेलिया के अपने ज्यादातर साथी खिलाड़ियों के उलट भारत नहीं लौटने का फैसला किया। दिल्ली कैपिटल्स की गेंदबाजी इकाई के अहम सदस्य रहे स्टार्क ने 11 मैचों में 14 विकेट लिए। वह आठ मई को धर्मशाला में पंजाब किंग्स के खिलाफ मुकाबले में भी शामिल थे, जब स्टेडियम में अचानक लाइट चली गई और खेल को रोकना पड़ा। स्टार्क की पत्नी और ऑस्ट्रेलिया महिला टीम की कप्तान एलिसा हीली भी उस समय दर्शक दीर्घा में मौजूद थी। 

धर्मशाला की अंतरराष्ट्रीय सीमा से निकटता के कारण स्टेडियम को तुरंत खाली करना पड़ा। 35 साल के स्टार्क ने कहा कि तनाव को देखते हुए उन्हें दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच होने वाले आईपीएल मैच में खेलने पर संदेह था। ‘द एज' ने स्टार्क के हवाले से कहा, ‘मैं अपने फैसले और इस पूरी स्थिति को लेकर मैंने जो महसूस किया और जिस तरह से इसे संभाला, उससे मैं सहज हूं।' उन्होंने कहा, ‘इसीलिए मैंने अपना निर्णय बाद में लिया और यहां (इंग्लैंड) आने से पहले करीब एक सप्ताह तक मेरा ध्यान टेस्ट क्रिकेट की तैयारी पर केंद्रित रहा।' 

बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘समय ही बताएगा कि इसका क्या नतीजा होगा या फिर उन खिलाड़ियों के साथ क्या होगा जो वापस नहीं लौटे। उस मैच से पहले हालांकि मेरे मन में कुछ सवाल और चिंताएं थीं। जाहिर है कि हमने देखा कि क्या हुआ। उस घटना ने मेरे निर्णय में अहम भूमिका निभाई।' 

स्टार्क ने कहा कि इन्हीं कारणों से उन्होंने इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, ‘चैंपियंस ट्रॉफी (पाकिस्तान में) को लेकर मेरे फैसले में कुछ हद तक यही बात थी और फिर जब टूर्नामेंट (आईपीएल) में देरी हुई, तो आप टेस्ट मैच की तैयारी के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं।' 

वह 11 जून से लॉर्ड्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का जिक्र कर रहे थे। स्टार्क ने कहा कि धर्मशाला में अलग-अलग खिलाड़ियों और टीमों के लिए चीजों को अलग-अलग तरीके से संभाला गया। दोनों टीमें प्रसारण दल के साथ पठानकोट से विशेष ट्रेन से दिल्ली लौटी थीं। उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग खिलाड़ियों और टीमों के लिए चीजों को अलग-अलग तरीके से संभाला गया। धर्मशाला में पंजाब की टीम से जुड़े लोग भी थे।  पंजाब के खिलाड़ियों ने लीग के लिए वापस आने का फैसला किया लेकिन जेक (फ्रेजर-मैकगर्क) और मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया।' 

स्टार्क ने कहा, ‘यह एक बहुत ही व्यक्तिगत निर्णय था। इसका जो भी परिणाम हो मैं उसके साथ आगे बढ़ने को लेकर खुश रहूंगा। मैं अब भी दिल्ली की फ्रेंचाइजी के लिए बहुत प्रतिबद्ध हूं। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो नीलामी के बाद लीग से हट जाए। ये अलग तरह की परिस्थितियां हैं।' पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स की आईपीएल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे स्टार्क ने कहा कि जानकारी का अभाव भी उन कारणों में से एक था, जिसकी वजह से उन्होंने यह फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘मेरे इस फैसले में पर्याप्त जानकारी नहीं मिलने की भी भूमिका रही। मैंने घर पर चर्चा की और फिर इस निर्णय पर पहुंचा। इसका जो भी परिणाम हो मैं उससे सहजता के साथ स्वीकार कर आगे बढ़ने के लिए तैयार हूं।'