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स्पोर्ट्स डेस्क : 25 जून 1983 वह दिन था जब टीम इंडिया ने इतिहास की किताब में अपना नाम दर्ज कराया और अपना पहला विश्व कप खिताब जीता। कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने टूर्नामेंट में चमत्कारिक प्रदर्शन करते हुए दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ टीमों को हराया। फाइनल में भारत ने शक्तिशाली वेस्ट इंडीज को 43 रनों से हराकर अपना पहला विश्व खिताब जीता। मोहिंदर अमरनाथ को फाइनल मुकाबले में उनके 26 रन और सात ओवर के स्पेल के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया जिसमें उन्होंने तीन विकेट लिए और सिर्फ 12 रन दिए। पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कपिल देव की सराहना करते हुए उन्हें असली कैप्टन कूल कहा है। 

गावस्कर ने विश्व कप जीत की 40वीं वर्षगांठ पर कहा, 'कपिल का बल्ले और गेंद दोनों से प्रदर्शन शानदार था। फाइनल में विव रिचर्ड्स का उनका कैच नहीं भूला जा सकता। उनकी कप्तानी गतिशील थी, बिल्कुल प्रारूप की आवश्यकता के अनुसार और जब कोई खिलाड़ी कैच छोड़ता था या गलत फील्डिंग करता तब भी उनकी मुस्कान बनी रहती थी, जो उन्हें असली कप्तान कूल बनाती है।' 

इसके अलावा गावस्कर ने विश्व कप जीतने के बाद पूरी टीम द्वारा महसूस की गई भावनाओं पर भी विचार किया और कहा कि खिताब जीतने के बाद हर किसी के पास शब्द नहीं बचे थे। गावस्कर ने कहा, 'जीत के बाद के उन पलों को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह टूथपेस्ट के लिए एक शानदार विज्ञापन बन सकता था क्योंकि हमारे आस-पास हर कोई हंस रहा था और मुस्कुरा रहा था और यह देखना दिल को छू लेने वाला था।'