नई दिल्ली : भारत के दो शीर्ष एकल खिलाड़ियों सुमित नागल और शशिकुमार मुकुंद ने अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) को बता दिया है कि वह आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेंगे, जिससे नाराज राष्ट्रीय संघ ने खिलाड़ियों के इस रवैये पर अपनी अगली कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा करने का फैसला किया है।
नागल भारत के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले खिलाड़ी हैं। उनकी विश्व रैंकिंग 141 है जबकि मुकुंद 477 विश्व रैंकिंग के साथ भारतीय खिलाड़ियों में दूसरे स्थान पर काबिज हैं। इन दोनों खिलाड़ियों ने सूचित कर दिया है कि वे फरवरी में होने वाले विश्व ग्रुप एक प्ले ऑफ मुकाबले के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। उन्होंने हालांकि इसका कोई ठोस कारण नहीं बताया है।
नागल इसलिए नहीं खेलना चाहते हैं क्योंकि यह मुकाबला ग्रास कोर्ट पर होगा। इस तरह के कोर्ट पर वह अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। मुकुंद ने निजी कारणों से इस मुकाबले से हटने का फैसला किया है। एआईटीए के सूत्रों ने कहा, ‘नागल ने काफी पहले टीम प्रबंधन को बता दिया था कि पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें ग्रास कोर्ट पर खेलना पसंद नहीं है।'
वर्तमान परिस्थितियों में भारतीय चुनौती की अगुवाई रामकुमार रामनाथन करेंगे जिनकी ‘सर्व और वॉली' की शैली इस तरह के कोर्ट के अनुकूल है। इस मुकाबले में जीत दर्ज करने वाली टीम वर्ष 2024 में विश्व ग्रुप एक में बनी रहेगी। भारत के पास दूसरा विकल्प दिग्विजय प्रताप सिंह है जिन्होंने इस साल सितंबर में मोरक्को के खिलाफ डेविस कप में पदार्पण किया था।
रोहन बोपन्ना पहले ही संन्यास ले चुके हैं और एकल में अपने शीर्ष खिलाड़ी नागल की अनुपस्थिति में भारत प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत नहीं करेगा, जबकि पाकिस्तान का दारोमदार भी दो उम्र दराज खिलाड़ियों अकील खान और ऐसाम उल हक कुरैशी पर टिका है। एआईटीए के महासचिव अनिल धूपर ने खिलाड़ियों को याद दिलाया कि राष्ट्र की तरफ से खेलने के लिए उन्हें एक बार भी सोचना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘यह गलत है। जब देश की तरफ से खेलने की बात आती है तो आप पीछे क्यों हट जाते हैं। मैंने यह मामला कार्यकारी समिति को सौंप दिया है।'
धूपर ने कहा, ‘मेरा सिद्धांत है कि जब भारत का प्रतिनिधित्व करने की बात आती है तो खिलाड़ियों के पास कोई विकल्प नहीं होना चाहिए। लेकिन फैसला मेरे हाथ में नहीं है। इस पर फैसला कार्यकारिणी करेगी। अगर खिलाड़ी अस्वस्थ या चोटिल है तो बात समझी जा सकती है लेकिन यह पहला अवसर नहीं है जबकि मुकुंद ने देश की तरफ से खेलने से इनकार किया है। वह पहले भी दो बार ऐसे कर चुका है।'
इससे पहले 2019 में भी भारत को पाकिस्तान में खेलना था लेकिन सुरक्षा कारणों से एशिया ओसियाना ग्रुप एक का यह मुकाबला कजाकिस्तान में खेला गया था। भारत ने इस बार भी तटस्थ स्थल पर मैच करवाने के लिए प्रयास किए थे लेकिन डेविस कप समिति ने एआईटीए की अपील नामंजूर कर दी थी। धूपर ने कहा, ‘डेविस कप समिति ने हमारा प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है और हमने इस फैसले को खेल पंचाट में चुनौती दी है। अगर हमें पाकिस्तान जाना पड़ेगा तो फिर हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा और इस मुकाबले के लिए हमें अच्छी तैयारी करनी होगी।
पाकिस्तान भी भारतीय टीम की मेजबानी करने का इच्छुक है तथा पाकिस्तान टेनिस महासंघ पहले ही कह चुका है कि अगर मैच स्थल बदला जाता है तो वह इस मुकाबले से हट जाएगा। भारत अगर इस दौरे पर जाता है तो यह पिछले 59 वर्षों में डेविस कप टीम का पहला पाकिस्तान दौरा होगा। भारतीय डेविस कप टीम ने आखिरी बार 1964 में पाकिस्तान का दौरा किया था और उस मुकाबले में 4-0 से जीत दर्ज की थी। पाकिस्तानी ने तीन बार भारत का दौरा किया है। भारत अभी तक डेविस कप में पाकिस्तान से नहीं हारा है।