रांची : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कड़ी मेहनत किए बिना राष्ट्रीय टेस्ट टीम में जगह बनाने का सपना देख रहे दावेदारों को सख्त संदेश देते हुए सोमवार को कहा कि मौका केवल उन्हीं को दिया जाएगा तो ‘सबसे कड़े' प्रारूप में ‘सफलता की भूख' दिखाएंगे। भारत ने सोमवार को यहां चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को पांच विकेट से हराकर घरेलू सरजमीं पर लगातार 17वीं टेस्ट श्रृंखला जीती।
सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, यशस्वी जायसवाल और आकाश दीप जैसे उभरते हुए खिलाड़ियों ने टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई जिससे रोहित काफी खुश दिखे और इस बात को लेकर भी काफी स्पष्ट हैं कि वह टीम में किस तरह की प्रतिभा चाहते हैं। रोहित ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जिन लोगों को भूख है हम उन्हीं लोगों को मौका देंगे। अगर भूख नहीं है तो उनको खिलाने का कोई मतलब नहीं है।'
रोहित की यह प्रतिक्रिया भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के उस आदेश के ठीक बाद आई जिसमें इशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में खेलने के लिए कहा गया था लेकिन इन दोनों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैंने यहां टीम में कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं देखा जो भूखा नहीं हो। सभी लड़के जो यहां हैं और जो नहीं हैं, वे सभी खेलना चाहते हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको बहुत कम मौके मिलते हैं। अगर आप उनका फायदा नहीं उठाते तो वे चले जाते हैं।'
पच्चीस वर्षीय इशान अपने राज्य झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी में नहीं खेले लेकिन अगले महीने होने वाले आईपीएल के लिए उन्हें मुंबई इंडियंस के अपने कप्तान हार्दिक पांड्या के साथ बड़ौदा में ट्रेनिंग करते हुए देखा गया। यह पूछने पर कि क्या लुभावनी लीग युवा खिलाड़ियों के बीच टेस्ट क्रिकेट खेलने की चाहत को प्रभावित कर रही है, रोहित ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन प्रारूप है। यदि आप इस प्रारूप में उत्कृष्टता और सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आपको भूख दिखानी होगी।'
बिना किसी का नाम लिए रोहित ने टीम प्रबंधन द्वारा तय किए गए कड़े चयन मानदंडों की ओर इशारा किया। रोहित ने कहा, ‘यह पता चल जाता है कि किसको भूख नहीं है और किन लोगों को यहां पर रहना नहीं है। यह पता चलता है। जिन लोगों को भूख है, कठिन परिस्थितियों में खेलना है, उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह सरल सी बात है।'
उन्होंने कहा, ‘आईपीएल हमारे लिए बहुत अच्छा प्रारूप है लेकिन यह (टेस्ट क्रिकेट) सबसे कठिन प्रारूप है और इसमें उत्कृष्टता हासिल करना कठिन है। आपको जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी... पिछली तीन जीत आसान नहीं थीं, गेंदबाजों को लंबे स्पैल करने पड़े, बल्लेबाजों को क्रीज पर काफी मेहनत करनी पड़ी। यह कड़ा है।'
रोहित ने युवाओं के प्रदर्शन की सराहना की, विशेषकर अब तक दो दोहरे शतक जड़ने वाले जायसवाल और चौथे टेस्ट की दोनों पारियों में शानदार प्रदर्शन करके भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज जुरेल की। उन्होंने कहा, ‘हमारे खेल की शैली को अपनाने के लिए ये लोग खुले दिमाग के साथ आए हैं और जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। हमें अपनी टीम में ऐसे ही लोगों की जरूरत है। टीम को खुद पर तरजीह देने वाले खिलाड़ी। इनमें से कई खिलाड़ी काफी युवा हैं, आप निश्चित तौर पर उन्हें अगले पांच से 10 वर्ष में इस प्रारूप में नियमित रूप से खेलते हुए देखेंगे।'