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हैदराबाद : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को भरोसा है कि पिछले एक दशक से उन्हें जिस आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार है, उसे जीतने का समय भी आएगा। हाल में विश्व कप 2023 फाइनल में आस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार से भारत का आईसीसी खिताब का इंतजार 10 साल तक बढ़ गया क्योंकि देश को अंतिम आईसीसी टूाफी 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैम्पियंस ट्राफी में मिली थी। 

रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के मौके पर कहा, ‘पिछले तीन साल शानदार रहे हैं। बस इसमें आईसीसी ट्रॉफी का फाइनल जीतना शामिल नहीं है, इसके अलावा हमने सबकुछ जीता है।' उन्होंने कहा, ‘हम बस सिर्फ यही ट्रॉफी हासिल नहीं कर सके हैं। लेकिन मुझे लगता है कि समय आएगा। हमें बस इसके लिए सही मानसिकता बनाए रखने की जरूरत है, हमें बीते समय के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करनी क्योंकि आप इसे बदल नहीं सकते हो।' 

रोहित ने कहा, ‘आप बस आगे जो होने वाला है, उसे बदल सकते हो। इसलिए हम सभी का ध्यान सिर्फ इसी पर लगा हुआ है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं।' 2014 में टी20 अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में उप-विजेता रहने के बाद टीम 2015 वनडे विश्व कप, 2016 टी20 विश्व कप और 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर हो गई। यही सिलसिला जारी रहा और टीम 2017 चैम्पियंस ट्राफी के फाइनल में हार गयी और उसे 2022 टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी पराजय झेलनी पड़ी। 

पहली दो विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र के फाइनल में भी भारतीय टीम हार गयी। रोहित ने कप्तानी के प्रति रवैये के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मैं कुछ बदलाव लाना चाहता था। खिलाड़ी अब क्रीज पर जाकर काफी स्वतंत्रता के साथ खेल रहे हैं। मैं इस टीम से आंकड़ों के पहलू को हटाना चाहता था।' उन्होंने कहा, ‘नंबर बस संख्या के लिए होते हैं। भारत में हम नंबर और आंकड़ों के बारे में काफी बातें करते हैं। मैंने 2019 विश्व कप में पांच शतक जड़े थे, लेकिन हम फिर भी हार गये। हारने के बाद शतक मायने नहीं रखते।' 

रोहित ने कहा, ‘मैं इनके बारे में सोच सकता हूं, शायद 20 साल बाद जब मैं संन्यास ले लूं। लेकिन हमें क्या मिला? मैं ट्राफी जीतना चाहता था।' उन्होंने कहा, ‘अगर आप ट्राफियां नहीं जीतते तो मुझे नहीं लगता कि ये पांच-छह शतक ज्यादा मायने रखेंगे। टीम खेल ट्रॉफियां जीतने के बारे में ही है, इसमें व्यक्तिगत उपलब्धियां अहम नहीं होती।'