नई दिल्ली : महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से ऋषभ पंत के मार्गदर्शक रहे हैं लेकिन एक ऐसा भी समय था जब भारत के पूर्व कप्तान से लगातार तुलना से वह इतने दबाव में आ जाते थे कि उनका ‘दम घुटने' लगता था। दिसंबर 2022 में भयावह कार हादसे में चोटिल हुए पंत अभी भी पूरी तरह फिट नहीं हैं। धोनी ही ऐसा शख्स हैं जिनसे वह जीवन की हर बात साझा करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि करियर के शुरूआती दिनों में धोनी से तुलना उनके लिए काफी कठिन थी।
पंत ने कहा, ‘मुझे बहुत बुरा लगता था। मैं 20-21 साल का था और कमरे में जाकर रोता था। इतना तनाव होता था कि मैं सांस नहीं ले पाता था। इतना दबाव था कि लगता था कि अब क्या करूं। मोहाली में मैने स्टम्पिंग का एक मौका गंवाया तो दर्शक धोनी-धोनी चिल्लाने लगे।' पंत ने कहा, ‘एम एस के साथ मेरे संबंध को मैं समझा नहीं सकता। ऐसा कोई होता है जिससे आप सब कुछ साझा कर सकते हैं। मैने एमएस के साथ हर चीज पर बात की है। मैने उनसे बहुत कुछ सीखा है।'
उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे ऐसी चीजों पर भी बात करता हूं जो किसी और के साथ नहीं कर पाता। मेरा उनसे इस तरह का संबंध है।' पंत ने कहा, ‘मुझे समझ ही नहीं आता था कि उनके साथ तुलना क्यो होती है। मैं टीम में आया ही था और लोग विकल्प की बात करने लगे थे। एक युवा से ऐसे सवाल क्यो किए जा रहे थे। यह तुलना क्यो हो रही थी। ऐसा होना नहीं चाहिए था। एक ने पांच मैच खेले हैं और दूसरे ने 500। उनका इतना लंबा सफर रहा है तो यह तुलना बेमानी थी।'
पंत ने कहा कि वह युवराज सिंह जैसे सीनियर के भी हमेशा ऋणी रहेंगे जिन्होंने टीम में आने पर उन्हें सहज महसूस कराया। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत छोटा था और टीम में कई सीनियर खिलाड़ी थे। युवराज सिंह, एम एस, सभी सीनियर थे। इसमें समय लगा लेकिन उन्होंने कभी सीनियर होने का अहसास नहीं कराया। उन्होंने मेरा स्वागत गर्मजोशी से किया और सभी नए खिलाड़ियों का करते हैं। भारतीय टीम की यही तहजीब है।'