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नई दिल्लीः अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने आज कहा कि वह राष्ट्रीय टीम को अपने खर्चे पर एशियाई खेलों में भेजने के लिये तैयार है। एआईएफएफ ने इसके साथ ही टीम को नहीं भेजने के फैसले के बारे में उन्हें आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं करने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की आलोचना की। आईओए के नियमों के अनुसार केवल उन्हीं राष्ट्रीय टीमों को खेलों में भाग लेने की मंजूरी दी गयी जो महाद्वीपीय स्तर की रैंकिंग में शीर्ष आठ में शामिल हैं।

IOA को लिखा गया पत्र
एआईएफएफ महासचिव कुशाल दास ने कहा , ‘‘ मैंने आईओए को एक पत्र लिखा है जिसमें हमसे सलाह मशविरा किये बिना और फुटबाल जगत में जो कुछ घटित हो रहा है उसको समझे बिना लिये गये इस फैसले पर अपनी निराशा और नाखुशी व्यक्त की है। अगर खर्चा मसला है तो हम टीम की यात्रा और वहां ठहरने के खर्चे उठाने के लिये तैयार हैं। ’’ एआईएफएफ ने एक दिन पहले कहा कि नरिंदर बत्रा की अगुवाई वाले आईओए में ‘ दूरर्दिशता और क्षमता ’ की कमी है। दास ने फुटबाल हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।  उन्होंने कहा , ‘‘ मैं कुछ तथ्यों को स्पष्ट करना चाहता हूं। पहला , टीम को मंजूरी नहीं दिये जाने के संबंध में आईओए ने हमें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी और सब कुछ मौखिक रूप से हुआ। ’’ दास ने कहा, ‘‘ यह अजीबोगरीब है कि वे प्रोटोकॉल का अनुसरण नहीं कर रहे हैं या कम से कम संघ को सूचित करने का शिष्टाचार भी नहीं जानते कि आखिर किस आधार पर टीमों का भाग लेने की अनुमति नहीं दी गयी। उनकी तरफ से अभी तक कोई भी औपचारिक सूचना नहीं मिली है। ’’ एआईएफएफ महासचिव ने कहा , ‘‘ उन्होंने मनमाने तरीके से फैसला कर दिया और हमें अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया। ’’     

दास से पूछा गया कि उनका अगला कदम क्या होगा, ‘‘ हम खेल मंत्रालय में आधिकारिक प्रस्तुति पेश करेंगे। हमें सरकार और साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) से बहुत सहयोग मिला है। हमें उम्मीद है इस मसले पर वे हमारा समर्थन करेंगे। ’’ यह 1994 हिरोशिमा एशियाई खेलों के बाद पहला मौका होगा जबकि भारतीय फुटबाल टीम इन खेलों में भाग नहीं ले पाएगी। भारतीय टीम अभी एशिया में 14 वें स्थान पर है और उसने हाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। दास ने आईओए के मानदंडों पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इनके मानदंडों को भी अच्छी तरह से नहीं समझ पाया। वे कहते हैं कि पिछली बार जिनकी रैंकिंग आठ से कम थी जो चार साल पहले की बात है (यह भी स्पष्ट नहीं है।) । मुझे नहीं पता कि वे वर्तमान रैंकिंग की बात कर रहे हैं या पिछले एशियाई खेलों की। यह पूरी तरह से अस्पष्ट है। ’’