खेल डैस्क : पैरिस 2024 ओलिम्पिक और पैरा-ओलिम्पिक के विजेता अब अपने घर एफिल टॉवर का हिस्सा भी ले जा सकेंगे। ओलिम्पिक समिति ने प्रत्येक मैडल में पैरिस के मशहूर एफिल टावर के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है। एथैंस 1896 के बाद से प्रदान किए गए लगभग 36,600 पदकों के बिल्कुल ऊलट इस बार के पदकों में आयोजन करने वाले शहर और मशहूर एफिल टावर को भी दिखाया गया है। इससे पहले पदकों में यूनान की देवी की प्रतिमा और एक्रोपोलिस दिखते रहे हैं। पदकों का अनावरण वीरवार को पैरिस 2024 आयोजन समिति के मुख्यालय में किया गया। साल के सबसे बड़े खेल आयोजन के लिए कुल 5084 पदक बनाए गए हैं। मैडल के एक तरफ एक्रोपोलिस और दूसरी तरफ एफिल टॉवर होगा।
एथलीट्स ने भी सराहे प्रयास
5 बार के स्वर्ण पदक विजेता बायैथलीट मार्टिन फोरकेड ने कहा कि मैडल के डिजाइन में पैरिस की झलक दिखेगी। हम 2 चीजें चाहते थे कि ओलिम्पियन और पैराओलिम्पियनों के लिए समान पदक हों और पदकों में (एफिल टॉवर से) अमूल्य लोहे का एक टुकड़ा शामिल हो। मैडल में हम फ्रांस का प्रभाव दिखाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि पदक एक आभूषण की तरह दिखे। पैरालिम्पिक खेलों में 20 बार की स्वर्ण पदक विजेता तैराक बीट्राइस हेस ने कहा कि एक फ्रांसीसी व्यक्ति के रूप में, ये पदक गर्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे लगता है कि अगर हम घरेलू धरती पर पदक जीतते हैं तो वे हमारे लिए और भी अधिक मूल्यवान होंगे। 2021 के यूरोपीय कुश्ती चैंपियन कौम्बा लारोक ने कहा कि यह एक बड़ी प्रेरणा है, मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं। उन पदकों को करीब से देखकर मुझे अपनी उंगलियों से अपने लक्ष्य तक पहुंचने और छूने की इच्छा होती है।
यह फैसला इन मैडल को अलग बनाने के लिए लिया गया। सोना, चांदी और कांस्य जैसी धातुओं के साथ एफिल टॉवर की सबसे कीमती धातु, फ्रांसीसी ताज के आभूषण के साथ मिलाकर बड़ा काम किया गया है। 2024 ओलिम्पिक पदकों की यह खास बात होगी। इनमें एफिल टॉवर का लोहा भी शामिल होगा। -टोनी एस्टांगुएट, पेरिस 2024 आयोजन समिति के अध्यक्ष
5,084 पदक बने प्राप्त हुए
85 मि.मी. व्यास
9.2 मि.मी. मोटा
18 ग्राम लोहा एफिल टॉवर से
529 ग्राम : स्वर्ण पदक का वजन
525 ग्राम : रजत पदक का वजन
455 ग्राम : कांस्य पदक का वजन
खास बातें
पैरालिम्पिक पदकों में नीचे से एफिल टॉवर का दृश्य दिखाई देता है और उन पर ब्रेल लिपि में पेरिस 2024 अंकित है। इससे फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल को श्रद्धांजलि देने का काम किया गया है।
ओलिम्पिक मशाल खेलों के इतिहास में पहली बार ओलिम्पिक और पैरालिम्पिक दोनों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। फ्रांसीसी डिजाइनर मैथ्यू लेहनूर ने स्टील से 3.3 पाउंड की मशाल बनाई है।
20वीं शताब्दी में एफिल टावर के नवीकरण के दौरान इससे कुछ धातुओं को हटाकर संभाल लिया गया था। अब इन धातुओं का इस्तेमाल मैडलों में किया जाएगा। इन्हें हेक्सागोन्स में काटा गया है।
ओलिम्पिक और पैरालिम्पिक पदकों के रिबन का भी एफिल टॉवर से कनैक्शन है। क्योंकि इन्हें एफिल टावर की जाली से बनाया गया है। पदक ग्रीस में खेलों के पुनर्जन्म की कहानी भी दर्शाएंगे।