कराची : पाकिस्तान के महान खिलाड़ी जावेद मियांदाद (Javed Miandad) को लगता है कि सरफराज अहमद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट टीम का नेतृत्व करने के लिए नवनियुक्त शान मसूद की तुलना में बेहतर उपयुक्त थे। मियांदाद ने कराची में मीडिया से कहा कि सरफराज अहमद को न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में शामिल किया जाना चाहिए, बल्कि उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें कप्तान भी बनाया जाना चाहिए था। यह स्पष्ट है कि सरफराज एक अनुभवी क्रिकेटर हैं और उन्होंने पहले भी पाकिस्तान के लिए कप्तान के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है और अगर उन्हें कप्तान बनाया गया होता तो यह ऑस्ट्रेलिया में टीम के लिए महत्वपूर्ण होता, जो दौरे के लिए एक कठिन जगह है।
मुख्य चयनकर्ता के रूप में वहाब रियाज, टीम निदेशक के रूप में मुहम्मद हफीज और गेंदबाजी कोच के रूप में उमर गुल और सईद अजमल की नियुक्ति का जिक्र करते हुए मियांदाद ने कहा कि उन्हें हमेशा लगता था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोच और खिलाड़ियों के बीच उम्र का अंतर होना चाहिए। उनका मानना है कि उम्र में अंतर के बिना खिलाड़ियों और कोचों के बीच कोई सम्मान नहीं रहेगा।
मियांदाद ने कहा कि मुझे उन खिलाड़ियों को चयनकर्ता, कोच और निदेशक के तौर पर लाने के पीछे कोई तर्क नजर नहीं आता, जो ज्यादातर मौजूदा खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि जो लोग आधुनिक क्रिकेट की एबीसी नहीं जानते, उन्होंने बाबर आजम को तीनों प्रारूपों से कप्तान पद से हटा दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में टीम पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मियांदाद ने बोर्ड की विदेशी कोचों की ओर रुख करने की आदत को भी बकवास बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 2 दशकों में हमारे पास इतने सारे विदेशी कोच रहे हैं और एक क्रिकेट राष्ट्र के रूप में हम कहां खड़े हैं, हम विश्व कप के सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सके। मिकी आर्थर को आपने उनकी शर्तों पर नियुक्त किया। यह उन सभी लोगों का अपमान है जो पाकिस्तान के लिए कोच के रूप में बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के दिनों में सभी प्रारूपों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और उनके पिछले 3 कोच अनिल कुंबले, रवि शास्त्री और अब राहुल द्रविड़ सभी घरेलू ही थे।