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बैंकॉक : भारत के लंबी कूद के एथलीट मुरली श्रीशंकर ने शनिवार को एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने करियर के 8.37 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत पदक जीतकर 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। श्रीशंकर (24 वर्ष) ने अपने अंतिम राउंड की 8.37 मीटर की कूद से ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल किया। पेरिस ओलंपिक के लिए मानक 8.27 मीटर का है और क्वालीफिकेशन समय एक जुलाई से शुरु हुआ। चीनी ताइपे के यु टांग लिन ने चौथे राउंड में 8.40 मीटर की कूद से स्वर्ण पदक जीता जो इस सत्र में विश्व का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास था। चार 20 किमी पैदल चाल के एथलीट आकाशदीप सिंह, विकास सिंह और परमजीत सिंह बिष्ट (पुरुष वर्ग) और प्रियंका गोस्वामी (महिला वर्ग) ने पहले ही पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। 

पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय 10,000 मीटर, संयुक्त स्पर्धा (डेकाथलॉन और हेप्टाथलॉन), पैदल चाल और रिले 31 दिसंबर 2022 से 30 जून 2024 तक है जबकि मैराथन रेस के लिए यह समयसीमा एक नवंबर 2022 से 30 अप्रैल 2024 तक है। अन्य स्पर्धाओं के लिए क्वालीफाइंग समय एक जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक है। श्रीशंकर अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। वह तोक्यो ओलंपिक में क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे। राजेश रमेश, ऐश्वर्या मिश्रा, अमोज जैकब और सुभा वेंकटेशन की भारतीय मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले चौकड़ी ने तीन मिनट 14.70 सेकेंड के समय से स्वर्ण पदक जीता जबकि सर्वेश अनिल कुशारे और स्वप्ना बर्मन ने क्रमश: पुरुषों की ऊंची कूद और हेप्टाथलॉन में रजत पदक जीते। कुशारे के लिए यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक है। उनकी पिछली सफलताओं में 2019 दक्षिण एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक शामिल है। 

भारत ने अभी तक 14 पदक जीत लिए हैं जिसमें छह स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं। राष्टमंडल खेल 2022 में कांस्य पदक जीतने वाले श्रीशंकर ने पिछले महीने राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप के क्वालीफिकेशन दौर के दौरान 8.41 मीटर की कूद से अगस्त में होने वाली बुडापेस्ट विश्व चैम्पियनशिप के लिए पहले ही क्वालीफाई कर लिया था। यह उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ कूद भी रही। टीसी योहानन के 1975 चरण में पोडियम में शीर्ष पर रहने के बाद कोई भी भारतीय एशियाई चैम्पियनशिप की लंबी कूद स्पर्धा का स्वर्ण पदक नहीं जीत सका है। लंबी कूद में पदक जीतने वाले पिछले भारतीय के प्रेम कुमार थे जिन्होंने 2013 में रजत पदक जीता था। श्रीशंकर यहां स्वर्ण पदक जीतने के प्रबल दावेदार थे। वह 8.12 मीटर की तीसरी कूद से सबसे आगे चल रहे थे लेकिन चीनी ताइपे के प्रतिद्वंद्वी ने चौथे राउंड में 8.40 मीटर की कूद लगाकर बढ़त बनायी। विश्व चैम्पियनशिप की तैयारियों के लिए अमेरिका और यूरोप में ट्रेनिंग करने वाले श्रीशंकर ने अपने अंतिम प्रयास में सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन वह स्वर्ण पदक से चूक गये। 

इससे पहले भारतीय एथलीट संतोष कुमार ने पुरुष वर्ग की 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में 49.09 सेकेंड के सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक अपने नाम किया। संतोष ने प्रतियोगिता के चौथे दिन पुरुष वर्ग की 400 मीटर बाधा दौड़ में इस साल का भारतीयों में सर्वश्रेष्ठ समय निकाला। वह स्वर्ण पदक विजेता कतर के मोहम्मद हमेमेडा बासेम (48.64 सेकेंड) और जापान के युसाकू कोडामा (48.96 सेकेंड) से पीछे रहे। इस 25 साल के एथलीट का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 49.49 सेकेंड का था जो उन्होंने पिछले साल हासिल किया था। एक अन्य भारतीय यशास पलकशा ने भी फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन वह रेस में नहीं दौड़े। एशियाई चैम्पियनशिप में किसी भी भारतीय ने पुरुष वर्ग की 400 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक नहीं जीता है। जोसफ अब्राहिम का 2009 चरण में रजत पदक किसी भी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, जिन्होंने 2007 में कांस्य पदक भी जीता था। एमपी जाबिर ने पिछले दो चरण में कांस्य पदक जीते थे।