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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले खेलो इंडिया स्कूली खेलों का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे देश की खेल प्रतिभाओं को पहचान मिलेगी और दुनिया उनके माद्दे को जानेगी।   मोदी ने यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेलों इंडिया के रंगारंग उद्घाटन समारोह में कहा कि खेलों का युवाओं के जीवन में मुख्य स्थान होना चाहिए। समारोह में देश की गुरू शिष्य परंपरा की बानगी पेश की गई। मोदी ने कहा कि अपने व्यस्त कार्यक्रम से खेलों के लिए समय निकालें, खेलकूद को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आज हम गणमान्य खिलाडिय़ों के बीच है, मुझे विश्वास है कि इन्होंने कई बाधाओं का सामना किया होगा लेकिन हार नहीं मानी और आज अपने आप को दूसरों से अलग साबित कर पाए। उन्होंने कहा, ‘‘खेलो इंडिया का मतलब केवल पदक जीतना नहीं है। यह और अधिक खेलने के जन आंदोलन को मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास है। हम उस हर आयाम पर ध्यान देना चाहते हैं जो देश को खेल के क्षेत्र में दुनिया में लोकप्रिय बनाए।’’ 
मोदी ने कहा, ‘‘देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारा युवा राष्ट्र है और हम खेल के क्षेत्र में और बेहतर कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब हम कहते हैं कि भारत का स्थान दुनिया के मंच पर बढ़ रहा है, इसका केवल यह अर्थ नहीं है कि सिर्फ हमारी सेना मजबूत हो रही है या अर्थव्यवस्था अच्छी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें भारत के ऐसे लोग भी शामिल है जिन्होंने विशिष्ट पहचान बनाई है। इनमें वैज्ञानिक, कलाकार, खिलाड़ी शामिल हैं। ‘‘मुझे विश्वास है कि भारत ऊंचाइयों को छुएगा। मुझे अपने युवाओं पर भरोसा है।’’ मोदी ने कहा कि वह ग्रामीण क्षेत्रों एवं छोटे शहरों में युवाओं को देखकर खुश होते हैं जो खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। इन युवाओं को समर्थन की जरूरत है और यह हम प्रदान करना चाहते है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे लोगों का सहयोग करना चाहते हैं जो खेल से प्यार करते हैं, समर्पण के भाव से खेलते हैं और वे सिर्फ पैसे के लिए नहीं खेलते हैं और इसलिए एथलीट विशिष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि जब भारतीय खिलाड़ी जीतते हैं और उनके हाथों में तिरंगा होता है, यह विशेष अनुभूति का क्षण होता है और यह पूरे राष्ट्र में ऊर्जा भरने का काम करता है।