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नई दिल्ली : लैशराम सायोन मेतेई मणिपुर के पहले ऐसे पहलवान बन गए हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में अपनी छाप छोड़ी है। लैशराम ने केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में लड़कों के 50 किलोग्राम ग्रीको-रोमन कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया। लैशराम के कोच एम मुहिन्द्रो सिंह का मानना है कि कहना है कि लैशराम ने ग्रीको-रोमन शैली की कुश्ती में बहुत जल्द महारत हासिल कर ली है। मुहिन्द्रो ने बताया कि मणिपुर में कुश्ती को ‘मुकना’ कहा जाता है। इसे बहुत प्रतिष्ठित माना जाता है, जिसमें पुरुष अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। भारत में कुश्ती हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन अब मणिपुर का नाम भी इस सूची में जुड़ गया है।
मणिपुर ने देश को कई मुक्केबाज, फुटबाल खिलाड़ी और भारोत्तोलक दिए हैं। लेकिन लैशराम सायोन मेतेई मणिपुर के पहले पहलवान हैं। लैशराम ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने 2016 में एशियाई और विश्व कैडेट चैम्पियनशिप के दौरान 46 किलोग्राम ग्रीको-रोमन कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
मणिपुर के इस पहलवान ने 2013 में कुश्ती शुरू की और एक साल के अंदर ही 2014 एसजेएफआई प्रतिस्पर्धा में 46 किलो वर्ग में रजत पदक जीता था। अब वह खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में 56 किलोग्राम वर्ग के ग्रीको-रोमन फाइनल में पहुंच गए हैं। उनका मुकाबला हरियाणा के प्रदीप विनोद के साथ होने की संभावना है।