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बेंगलुरु : पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदलने की पुरानी समस्या को दूर करने के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम रांची में अगले महीने होने वाले एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर से पहले यहां चल रहे पांच दिवसीय शिविर के दौरान महान ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह के साथ कौशल निखारने में लगी हुई है। हाल में रांची में जापान को हराकर एशियाई चैम्पियंस ट्राफी जीतने के बावजूद भारत ने कई पेनल्टी कॉर्नर के मौके गंवाये थे और कोच यानेके शॉपमैन ने इस विभाग में तुरंत सुधार की जरूरत पर जोर दिया था।

 

 


शीर्ष महिला ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने बुधवार को भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) बेंगलुरु में शुरू हुए शिविर को महत्वपूर्ण क्वालीफायर से पहले सीखने के लिए ‘परफेक्ट' करार दिया। ओलंपिक क्वालीफायर अगले साल 13 से 19 जनवरी के बीच खेला जाएगा। गुरजीत ने कहा कि हम प्रत्येक दिन नयी चीजें सीख रहे हैं और सुधार करने वाले कुछ विशेष पहलुओं पर ध्यान लगाकार अपने खेल में और सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं। रूपिंदर ने हमारे मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हम आगामी टूर्नामेंट की तैयारी में जुटे हैं और हमें पूरा भरोसा है कि यहां सीखे गये सबक से मैदान में हमारे प्रदर्शन पर काफी अच्छा असर पड़ेगा। 

 

 

हांगझोउ एशियाड में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की कमी साफ दिखाई दी जिसमें टीम ने कांस्य पदक जीता था। इस टूर्नामेंट में भारत को 69 पेनल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से टीम महज 16 में ही गोल कर पाई थी। मेजबान चीन के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत छह पेनल्टी कॉर्नर में से एक को भी गोल में तब्दील नहीं कर पाया और 0-4 से हार गया।

 

 

रूपिंदर ने कहा कि गुरजीत और दीपिका बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हैं। वे हर चीज तेजी से समझती हैं और इसे लागू करती हैं। रांची में जाने से पहले यह ‘क्रैश कोर्स' उनके कौशल को निखारने के लिए शानदार होगा। 2024 पेरिस ओलंपिक से पहले ओलंपिक क्वालीफायर में भारत को पूल बी में न्यूजीलैंड, इटली और अमेरिका के साथ रखा गया है। पूल ए में जर्मनी, जापान, चिली और चेक गणराज्य शामिल हैं।