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चेन्नई : भारत के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने एशियाई चैम्पिंयस ट्राफी हॉकी मैच में अपनी टीम के प्रदर्शन की प्रशंसा की और उम्मीद जतायी कि जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उनके खिलाड़ी इसी तरह की लय जारी रखेंगे। भारत ने बुधवार को अपने अंतिम राउंड लीग मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-0 से शिकस्त देकर उसे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। भारत को अभी तक किसी भी मैच में हार नहीं मिली है, टीम चार जीत और एक ड्रा से लीग तालिका में शीर्ष पर है और अब शुक्रवार को सेमीफाइनल में जापान से भिड़ेगी। 

फुल्टन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमने बहुत अच्छी तरह से संयोजित खेल दिखाया। हमने चौथे क्वार्टर में कुछ मौके जरूर गंवाए लेकिन हमने कुल मिलाकर अच्छा किया। '' उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक क्वार्टर में हमने अच्छी निरतंरता दिखायी जो हमने जापान के खिलाफ मैच के दौरान (चार अगस्त को 1-1 से ड्रा रहे मैच में) भी दिखायी थी।' 

जापान बेहतर गोल अंतर के कारण पाकिस्तान से आगे रहकर सेमीफाइनल में पहुंच चुका है, हालांकि दोनों टीमों के पांच-पांच अंक हैं। जापान का गोल अंतर माइनस दो और पाकिस्तान का माइनस पांच था। बल्कि तीसरे स्थान पर रहने वाली कोरिया ने भी पांच अंक जुटाये थे लेकिन उसका गोल अंतर माइनस एक था। फुल्टन ने जापान के खिलाफ सेमीफाइनल के बारे में कहा, ‘हमने जापान की तुलना में प्रत्येक क्वार्टर में सर्कल के अंदर काफी ज्यादा बार सेंध लगायी। इसलिये अब यह निरंतरता बरकरार रखने की बात होगी।' 

पाकिस्तानी कोच मोहम्मद सकलेन ने बाद में शिकायत की कि भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर गलत तरीके से दिया गया जिससे मेजबान टीम ने कप्तान हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक की बदौलत 1-0 से बढ़त बना ली। सकलेन ने कहा, ‘‘हमने भारत के पहले पेनल्टी कॉर्नर के जरिये एक गोल गंवा दिया लेकिन यह हाथ से लगा था। दूसरे अंपायर ने सूचित किया कि यह पेनल्टी कॉर्नर नहीं था लेकिन दूसरे अंपायर ने इसे सुना ही नहीं।' 

उन्होंने कहा, ‘हमने इस प्रक्रिया में रेफरल गंवा दिया। इस स्तर पर इस तरह की गलती नहीं हो सकती, विशेषकर तब जब हम दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ खेल रहे हैं। इसलिये अंपायरिंग के स्तर में सुधार की जरूरत है, जो पूरे टूर्नामेंट के दौरान अनिरंतर रही है। '' मैच में अंपायरिंग के फैसले के बारे में पूछने पर फुल्टन ने कहा, ‘वीडियो रेफरल इसलिये ही होते हैं। पाकिस्तान के जिस गोल को अनुमति नहीं दी गयी थी, वह शरीर से लगा था। लेकिन कुछ गोल ऐसे होते हैं जिसे अंपायर मना नहीं कर सकते।'