पेरिस : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का अभियान 6 पदकों के साथ समाप्त हुआ, जो टोक्यो 2020 के रिकॉर्ड से एक पदक कम है। हालांकि, यह ग्रीष्मकालीन खेलों में भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, रोइंग, नौकायन, शूटिंग, तैराकी, कुश्ती, टेबल टेनिस और टेनिस ऐसे 16 खेल हैं जिनमें भारतीय एथलीटों ने मार्की इवेंट में हिस्सा लिया। एथलेटिक्स ने 29 सदस्यीय टीम के साथ सबसे बड़े भारतीय प्रतिनिधित्व का दावा किया।
निशानेबाजी में, भारत ने अपना अब तक का सबसे बड़ा 21 निशानेबाजों का दल मैदान में उतारा। इस दौरान भारतीय एथलीटों ने खेलों में नए रिकॉर्ड भी बनाए।
पेरिस ओलंपिक में भारत के रिकॉर्ड
1. नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 में गोल्ड जीता था। इस बार वह 89.45 मीटर की थ्रो के साथ सिल्वर जीतने में सफल रहे। अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता। नीरज एथलेटिक्स में भारत के लिए दो पदक जीतने वाले प्लेयर हैं। वह भारत के ओवरऑल 5वें एथलीट हैं जिन्होंने दो ओलंपिक मैडल जीते हैं। इससे पहले नॉर्मन प्रिचर्ड, सुशील कुमार, पीवी सिंधु और मनु भाकर ऐसा कर चुके हैं।
मनु भाकर ने ओलंपिक शूटिंग में दो पदक जीते। ऐसा कर वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। इसके बाद सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में ब्रॉन्ज जीता। वह 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में भी पहुंचीं लेकिन पदक जीतने से चूक गई। भारत के पहले तीन पदक शूटिंग से ही आए। मनु भाकर के साथ स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता। भारत ने इससे पहले कभी भी खेलों के किसी भी संस्करण में एक खेल में तीन पदक नहीं जीते थे। लंदन 2012 ओलंपिक में निशानेबाजी में 2 पदक आए थे। भारत ने पहली बार 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में भी पदक जीता।
भारत ने 52 साल बाद हॉकी में लगातार ओलंपिक पदक जीते। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए स्पेन को 2-1 से हराया और पेरिस 2024 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। टोक्यो में हॉकी में कांस्य पदक विजेता भारत ने म्यूनिख 1972 के बाद 52 वर्षों में पहली बार हॉकी में लगातार ओलंपिक पदक जीते। भारत अब हॉकी में 13 पदक हासिल कर चुका है।
भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह 10 गोल कर टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे। इसी तरह भारत ने 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हॉकी मुकाबले में हराया। पिछली बार ऐसा म्यूनिख 1972 में हुआ था।
ओलंपिक में तीरंदाजी में भारत का सर्वश्रेष्ठ परिणाम धीरज बोम्मदेवरा और अंकिता भक्त ने मिश्रित टीम स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहकर दिलाया। अमरीका के तीरंदाजों के खिलफ कांस्य पदक मैच में बोम्मदेवरा और भक्त 6-2 से हार गए। अगर वह जीतते तो इतिहास बनता।
लक्ष्य सेन ने ओलंपिक बैडमिंटन में भारतीय पुरुषों के लिए नई राह बनाई। लक्ष्य सेन ओलंपिक में पुरुष बैडमिंटन स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शटलर बने। पुरुष एकल में प्रतिस्पर्धा करते हुए उन्होंने न केवल इंडोनेशिया के जोनाटन क्रिस्टी जैसे खिलाड़ियों को हराकर अपने समूह में शीर्ष स्थान हासिल किया, बल्कि 16वें राउंड में हमवतन एचएस प्रणय को हराया और फिर क्वार्टर फाइनल में चाउ टिएन-चेन को हराया। भारतीय शटलर सेमीफाइनल में गत चैंपियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से हार गए और फिर कांस्य पदक मैच में मलेशिया के ली ज़ी जिया से हार गए।
मनिका बत्रा प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं, श्रीजा अकुला भी उनके पीछे रहीं। महिला एकल स्पर्धा में 18वीं वरीयता प्राप्त मनिका बत्रा पेरिस में ओलंपिक खेलों के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं। टोक्यो 2020 में मनिका बत्रा 32वें राउंड में पहुंचीं। ओलिंपिक में पदार्पण करने वाली श्रीजा अकुला 16वें राउंड में स्वीडन की क्रिस्टीना कालबर्ग को 64वें राउंड में 4-0 से और सिंगापुर की ज़ेंग जियान को 32वें राउंड में 4-2 से हराकर मनिका के साथ शामिल हुईं। लेकिन इसके बादवह आगे नहीं बढ़ पाई।