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स्पोर्ट्स डेस्क : रविंद्र जडेजा के 5 तो शमी और कुलदीप यादव के 2-2 विकेटों की बदौलत भारतीय टीम ने कोलकाता के ईडन गार्डन पर विराट कोहली को उनके 35वें जन्मदिन पर 243 रन से बड़ी जीत का तोहफा दिया है। इससे पहले विराट ने भी अपने जन्मदिन पर शतक लगाया था लेकिन गेंदबाजों ने मजबूत नजर आ रही दक्षिण अफ्रीका की टीम को महज 83 रन पर सिमेटकर सोने पर सुहागे वाला काम किया और प्वाइंट टेबल में पहला स्थान हासिल कर लिया। इस मुकाबले को फाइनल मुकाबले की ड्रेस रिहर्सल के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन भारतीय टीम ने दिखा दिया कि उनके मुकाबले में अभी कोई टीम नहीं है। मैच की बात करें तो भारतीय टीम ने विराट कोहली के 101, श्रेयस अय्यर के 77 तो रविंद्र जडेजा के 29 रनों की बदौलत 326 रन बनाए थे। जवाब में खेलने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम 83 रन पर आऊट हो गई। 


 

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इससे पहले अपने 35वें जन्मदिन पर 65000 दर्शकों के सामने ऐतिहासिक ईडन गार्डन पर विराट कोहली ने अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर के वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड 49 शतकों की बराबरी की और उनकी शतकीय पारी के दम पर भारत ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप के लीग मैच में पांच विकेट पर 326 रन बनाए। श्रीलंका के खिलाफ पिछले मैच में 302 रन से मिली जीत में शतक से 12 रन से चूके कोहली ने आखिरकार यहां अपने 289वें मैच में 277वीं पारी में 49वां शतक जमाया। तेंदुलकर ने 463 वनडे की 452 पारियों में 49 शतक और 96 अर्धशतक बनाए थे।

सचिन के नाम सौ अंतरराष्ट्रीय शतक हैं जबकि कोहली का यह 79वां अंतरराष्ट्रीय शतक है जिन्होंने टेस्ट में 29 और टी20 में भी एक शतक बनाया है। कोहली ने श्रेयस अय्यर (77 रन) के साथ तीसरे विकेट की साझेदारी में 134 रन बनाकर भारत के बड़े स्कोर की नींव रखी । शीर्ष दो टीमों के इस मुकाबले में केशव महाराज को छोड़कर दक्षिण अफ्रीका का कोई गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों खासकर कोहली पर अंकुश नहीं लगा सका। कोहली ने पारी के 49वें ओवर में कैगिसो रबाडा की गेंद पर एक रन लेकर तिहरा अंक छुआ तो पूरा ईडन गार्डन उनके नाम से गूंज उठा। उन्होंने हेलमेट उतारकर दर्शकों और ड्रेसिंग रूम का अभिवादन स्वीकार किया और आसमान की ओर देखा।

 


इस विश्व कप में अब तक सभी सात मैच जीत चुकी भारत की शुरूआत काफी आक्रामक रही और इसी मैदान पर नवंबर 2014 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले कप्तान रोहित शर्मा ने कुछ दर्शनीय शॉट लगाए। उन्होंने पहले ही ओवर में लुंगी एंगिडि को चौका लगाया और गेंदबाज के अगले ओवर में उन्होंने दो तथा शुभमन गिल ने एक चौका जड़कर रनगति को बढ़ाया। रोहित ने चौथे ओवर में मार्को जेनसन को दो चौके लगाए। एंगिडि को एक बार फिर नसीहत देते हुए उसके अगले ओवर में मिडविकेट पर चौका और फिर स्क्वेयर लेग पर दो छक्के समेत 18 रन निकाले।

नई गेंद के अपने दोनों गेंदबाजों को कामयाबी नहीं मिलती देख दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने छठे ओवर में कैगिसो रबाडा को गेंद सौंपी जिन्होंने अपने कप्तान के भरोसे को सही साबित करके खतरनाक होते दिख रहे रोहित को पवेलियन भेजा। रोहित ने मिडआफ पर काफी तेज शॉट खेला लेकिन बावुमा ने अपने पीछे की ओर झुकते हुए अपने सीने पर शानदार कैच लपका। रोहित ने 24 गेंद में छह चौकों और दो छक्कों की मदद से 40 रन बनाए।

 

 

रोहित के जाने के बाद मैदान पर उतरे कोहली का दर्शकों ने तेज शोर के साथ स्वागत किया। कोहली ने रबाडा को चौका लगाकर खाता खोला। दूसरे छोर पर गिल ने जेनसन को मिड आन के ऊपर से छक्का लगाया। रबाडा के डाले दसवें ओवर में कोहली ने मिड आफ और एक्स्ट्रा कवर के बीच से चौका निकाला। इसके बाद स्ट्रेट में चौका जड़ा। इस टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका के सबसे कामयाब स्पिनर केशव महाराज 11वें ओवर में गेंदबाजी के लिये आये और गिल को बोल्ड कर दिया।

गिल इतने हैरान थे कि डीआरएस ले डाला लेकिन फैसला गेंदबाज के पक्ष में रहा। भारत का दूसरा विकेट 93 के स्कोर पर गिरा। भारत के 100 रन 13.1 ओवर में बने। इस बीच महाराज का साथ देने दूसरे छोर से भी स्पिनर तबरेज शम्सी उतरे और दोनों ने भारतीय बल्लेबाजों को बांधने की कोशिश की। इस बीच कोहली जब 37 रन पर थे तब महाराज ने विकेट के पीछे लपके जाने की अपील की जिसे मैदानी अंपायर ने खारिज कर दिया। बावुमा से बात करने के बाद डीआरएस लिया गया लेकिन रिप्ले से साफ था कि गेंद कोहली के बल्ले को छूकर नहीं गई थी और टीवी अंपायर ने कोहली को नॉट आउट करार दिया। कोहली और श्रेयस ने ढीली गेंदों को नसीहत देते हुए रन बनाने का सिलसिला जारी रखा।

 

 


इस बीच महाराज के दस ओवर का कोटा पूरा हो गया जिन्होंने सिर्फ 30 रन देकर एक विकेट लिया। श्रेयस ने 30वें ओवर में शम्सी को दो चौके जड़े और एडेन मार्कराम को 34वें ओवर में छक्का लगाया। शतक की ओर बढते दिख रहे श्रेयस हालांकि एंगिडि की गेंद पर हवाई शॉट खेलकर गलती कर गए और मार्कराम ने उनका कैच लपककर 134 रन की इस साझेदारी का अंत कर दिया। श्रेयस ने अपनी पारी में 87 गेंद खेलकर सात चौके और दो छक्के लगाए। 

भारत का तीसरा विकेट 227 के स्कोर पर गिरा। केएल राहुल ज्यादा देर टिक नहीं सके और आठ रन बनाकर जेनसन की गेंद पर रासी वान डेर डुसेन को कैच देकर लौटे। इसके बाद कोहली (नाबाद 101) और सूर्यकुमार यादव (19 गेंद में 22 रन) ने तेजी से रन बंटोरे । यादव को 46वें ओवर में शम्सी ने विकेट के पीछे क्विंटन डिकॉक के हाथों लपकवाया। रविंद्र जडेजा 15 गेंद में 29 रन बनाकर नाबाद रहे।

 

 

जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी साऊथ अफ्रीका की शुरूआत खराब रही। दूसरे ही ओवर में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने खतरनाक नजर आ रहे क्विंटन डीकॉक को बोल्ड कर दिया। डीकॉक 5 ही रन बना पाए। इसके बाद रविंद्र जडेजा ने अटैक करते हुए अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा को 11 रन पर बोल्ड कर दिया। मार्करम ने रन गति बढ़ाने की कोशिश की और दो चौके लगाए लेकिन वह मोहम्मद शमी का शिकार हो गए।  इसके पीछे ही हेनरिक क्लासेन को 1 रन पर आऊट कर भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को चौथा झटका दे दिया। 


अगले ही ओवर में मोहम्मद शमी ने रासी वेन को 13 के स्कोर पर पगबाधा आऊट कर दक्षिण अफ्रीकी खेमे में हलचल मचा दी। रासी बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए प्रैशर नहीं झेल पाए थे। मध्यक्रम में डेविड मिलर अच्छे टच में दिखे थे लेकिन वह भी रविंद्र जडेजा की गेंद पर 11 रन बनाकर बोल्ड हो गए। जडेजा ने इसके बाद भी अपनी जादूई गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए केशव महाराज को भी बोल्ड कर दिया। अफ्रीका ने 19 ओवरों के अंदर ही 67 रन पर अपने 7 विकेट गंवा लिए थे।

 


जडेजा हटे तो कुलदीप यादव ने कहर बरपाया शुरू कर दिया और मार्को जेन्सन को 14 रन पर आऊट कर दिया। इसी बीच जमने की कोशिश कर रहे कागिसा रबाडा को रविंद्र जडेजा ने खुद की गेंद पर लपक कर दक्षिण अफ्रीका को 9वां झटका दे दिया। इससे अगले ही ओवर में कुलदीप ने लुंगी नगिड़ी को बोल्ड कर टीम इंडिया को 243 रन से जीत दिला दी।

 

 

दोनों टीमों की प्लेइंग 11 

भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), शुबमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जड़ेजा, मोहम्मद शमी, जसप्रित बुमरा, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज

दक्षिण अफ्रीका : क्विंटन डी कॉक (डब्ल्यू), टेम्बा बावुमा (सी), रासी वैन डेर डुसेन, एडेन मार्कराम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को जानसन, केशव महाराज, तबरेज़ शम्सी, कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी