मुंबई : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को खुलासा किया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिवर्स स्विंग का सामना करने के अपने अनुभव का इस्तेमाल टेनिस गेंद टूर्नामेंट ‘इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल)' में इसे लागू करने के लिए किया। आईएसपीएल के दूसरे सत्र की यहां घोषणा की गई। आईएसपीएल का दूसरा सत्र ठाणे के दादोजी कोंडादेव स्टेडियम में 26 जनवरी से नौ फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा जिसमें अक्टूबर से देश के पांच क्षेत्रों के 55 शहरों में ट्रायल होंगे। टूर्नामेंट में 6 टीमें हिस्सा लेंगी।
तेंदुलकर ने उम्मीद जताई कि स्टेडियम में 30,000 और इससे अधिक दर्शकों को आकर्षित करने वाले टूर्नामेंट का जल्द ही महिला क्रिकेटर भी हिस्सा होंगी। तेंदुलकर ने लीग के खास नियमों जैसे 50-50 और एक शॉट पर नौ रन देने के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर हम बल्लेबाजों को कुछ फायदा दे रहे हैं तो गेंदबाजों को भी खेल में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने खेलने के दिनों में मैं गेंद पर एक तरफ से टेप से चिपका देता था। सीजन (लैदर बॉल) गेंदों में हम चमकदार और खुरदरी तरफ देखते हैं और टेनिस गेंद में हम एक तरफ टेप लगाते थे और मैं इससे रिवर्स स्विंग का अभ्यास करता था जिससे कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसका सामना कर सकूं।
उन्होंने कहा कि मैंने सोचा कि क्यों ना इसे इस प्रारूप में शामिल किया जाए और अगर इसे लागू किया जाता है तो बल्लेबाज की तकनीक की भी परीक्षा होगी। लाल गेंद के मामले में जहां बल्लेबाजों को स्विंग होने पर अपने शरीर के करीब खेलना पड़ता है तो वहीं टेप वाली टेनिस गेंद के मामले में स्थिति पूरी तरह विपरीत होता है। तेंदुलकर ने कहा कि जो गेंदबाज ट्रायल और चयन के माध्यम से आए थे, वे टेप लगी गेंद से खेलने के आदी नहीं थे लेकिन कुछ समय बिताने के बाद उन्होंने इसे सीख लिया।
उन्होंने कहा कि संभवतः गेंदबाज टेप वाली गेंद से गेंदबाजी करने और रिवर्स स्विंग के आदी नहीं थे। पहला मैच जो मैंने देखा, मैंने देखा कि बहुत सारी वाइड गेंदें फेंकी गईं और गेंदबाज इसे सही तरीके से नहीं कर पाए। तेंदुलकर ने कहा कि अगली सुबह मैंने सूरज (सूरज सामंत, आईएसपीएल आयुक्त) को सुझाव दिया कि हम सभी कोच के साथ एक बैठक करें और मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि गेंदबाजों को इसका अपने फायदे के लिए कैसे उपयोग करना चाहिए।