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स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम साल 2007 टी20 विश्व के उद्घाटन संस्करण के अलावा इस सबसे छोटे फॉर्मेट भी कभी भी चैंपियन नहीं बन पाई। 2007 के टी20 विश्व कप के बाद भारत 2014 के विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन जहां वह श्रीलंका से हार गया। 2014 के बाद भारत एक बार भी फाइनल में जगह नहीं बना पाया है। पिछले साल हुए टी20 विश्व कप में भारत को सेमीफाइनल में इंग्लैंड से 10 विकेट से करारी शिकस्त मिली थी, जिसके बाद भारतीय टीम पर कई सवाल उठे। इन सवालों के बीच अब पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने सुझाव दिया है कि भारत को टी20 फॉर्मेट के लिए अलग कोच नियुक्त करना चाहिए, जिसे इस फॉर्मेट की अच्छी समझ हो।

हरभजन ने कहा, "भारत के पास दो कप्तान हैं, इसलिए भारत के पास दो कोच क्यों नहीं हो सकते हैं। कोई ऐसा कोच जिसकी योजना अलग है, जैसा कि इंग्लैंड ने ब्रेंडन मैकुलम के साथ किया। हमें वीरेंद्र सहवाग या आशीष नेहरा जैसा कोई व्यक्ति चाहिए, जिन्होंने गुजरात टाइटन्स के साथ काम किया और हार्दिक पांड्या ने अपना पहला खिताब जीता। इसलिए, किसी ऐसे व्यक्ति को लाना चाहिए, जिसे टी20 की अवधारणा और खेल की मांगों को अच्छी तरह से समझता हो।

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उन्होंने आगे कहा, "कोच को पता है कि फोकस टी20 क्रिकेट पर है। मान लीजिए अगर टीम के टी20 कोच आशीष नेहरा हैं तो उन्हें पता है कि उनका काम भारतीय टीम को टी20 फॉर्मेट में चैंपियन बनाना है और राहुल द्रविड़ को पता है कि उन्हें इस पर काम करना है कि भारतीय टीम टेस्ट और वनडे में नंबर 1 कैसे बन सकती है।"

इसके साथ हरभजन ने भारतीय टीम को इस साल घर में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए पूरी तरह से तैयार होने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, " हमें इस साल होने वाले विश्व कप में थोड़ा और इरादा दिखाने की जरूरत है। अगर आप टी20 मैच खेलते हैं तो आप इसे वनडे जैसे नहीं खेल सकते और अगर आप वनडे खेलते हैं तो आप इसे टेस्ट की तरह नहीं खेल सकते।

उन्होंने कहा, "हम चैंपियन बनने के लिए दो-तीन खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि जब सामने विश्व कप होता है, तो आपको एक ही समय में 8 से 9 खिलाड़ियों की जरूरत होती है। एक मैच आपके एक-दो खिलाड़ी जिता सकते हैं, मगर पूरी टीम ही आपको टूर्नामेंट जिता सकती है।”