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स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल में मेगा नीलामी को लेकर मतभेद है। मजबूत टीमें इसे खत्म करने की वकालत कर रही हैं, जबकि कमजोर टीमें इसे जारी रखने के पक्ष में हैं। चर्चा जारी है और जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है। बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा कि अंतिम फैसला बीसीसीआई को करना है लेकिन बोर्ड बहुमत और अल्पमत दोनों के विचारों को समान महत्व देगा। 

एक रिपोर्ट में शाह के हवाले से कहा गया, 'हमने सभी फ्रेंचाइजी की राय सुनी है। हमारे लिए अल्पमत की राय उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी बहुमत की राय। आखिरकार (बीसीसीआई के) पदाधिकारी ही फैसला करेंगे। जिनके पास अच्छी टीम है, उन्होंने कहा कि बड़ी नीलामी की कोई जरूरत नहीं है और जिनके पास अच्छी टीम नहीं है, वे बड़ी नीलामी चाहते हैं।' 

शाह ने संकेत दिया कि मेगा नीलामी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'खेल के विकास के लिए फेरबदल के साथ-साथ निरंतरता भी महत्वपूर्ण है।' चर्चा का एक और प्रमुख विषय अगले सीजन में मैचों की संख्या 74 से बढ़ाकर 84 करना होगा। आईपीएल में 8 से 10 टीमें होने के कारण मैचों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर, खिलाड़ियों के कार्यभार और सीमित विंडो को देखते हुए यह एक चुनौती बन सकता है। 

शाह ने कहा, 'कुछ भी तय नहीं है। हम सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे। हमें खिलाड़ियों के कार्यभार और विंडो को भी ध्यान में रखना होगा। यह अनुबंध में है, लेकिन यह बीसीसीआई को तय करना है।' 

बीसीसीआई महिला प्रीमियर लीग में छठी टीम जोड़ने पर भी विचार कर रहा है, जो पर्याप्त खिलाड़ियों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। इस बीच बीसीसीआई ने यह भी सुझाव दिया है कि आईसीसी खेल के सबसे लंबे प्रारूप के लिए एक समर्पित कोष बनाए क्योंकि टेस्ट मैच आयोजित करना काफी महंगा है। 

शाह ने कहा, मैं आईसीसी के एफएंडसीए (वित्त और वाणिज्यिक मामले) का सदस्य हूं। मैंने सुझाव दिया है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए एक समर्पित कोष होना चाहिए। टेस्ट मैचों की मेजबानी करना बहुत महंगा है। अगर (ICC) बोर्ड मंजूरी देता है, तो हम ऐसा कर सकते हैं। हम टेस्ट क्रिकेट के लिए एक विशेष कोष बनाने की कोशिश कर रहे हैं।'