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नई दिल्ली : युगांडा की राजधानी कम्पाला में करीब 60 फीसदी आबादी झुग्गियों में रहती है और तेज गेंदबाज जुमा मियागी उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं। फुटबॉल के शौकीन यहां के निवासी उनकी वजह से चाव से क्रिकेट देखते हैं और आईसीसी टी20 विश्व कप में युगांडा क्रिकेट टीम का पदार्पण उनके लिये किसी सपने से कम नहीं। 

मियागी कम्पाला के बाहरी इलाके में नागुरू झुग्गी बस्ती में बड़े हुए। दो साल तक युगांडा की अंडर 19 टीम के लिए खेलने के बाद अब वह एक जून से वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप में सीनियर टीम की गेंदबाजी की कमान संभालेंगे। युगांडा ने पिछले साल नवंबर में पहली बार क्रिकेट विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। अब तक 21 टी20 मैचों में 34 विकेट ले चुके मियागी झुग्गियों में बड़े हुए और अभी भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। 

टी20 विश्व कप में शामिल सिमोन सेसाजी और रिजर्व खिलाड़ी इनोसेंट एमवेबाजे भी झुग्गी से ही निकले हैं। उनके इलाकों में पीने का साफ पानी, सीवेज की व्यवस्था नहीं थी और ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं थी। उनकी कठिनाइयों की कहानी ने युगांडा के भारतीय कोच अभय शर्मा को भी विचलित कर दिया जो टी20 विश्व कप से पहले ही टीम के साथ जुड़े हैं। ऐसा नहीं है कि शर्मा ने कभी झुग्गी बस्ती देखी नहीं है लेकिन कम्पाला की झुग्गियां मुंबई की धारावी से अलग हैं। खिलाड़ियों के साथ समय बिताकर शर्मा का उनके प्रति सम्मान कई गुना बढ़ गया। 

उन्होंने त्रिनिदाद से कहा, ‘मैंने सोचा नहीं था कि वे इन हालात में रहते हैं। वे अपने कोचों का काफी सम्मान करते हैं और उन्हें लगता है कि हम उनकी जिंदगी बदल सकते हैं।' युगांडा को विश्व कप में तीन जून को पहले मैच में अफगानिस्तान से खेलना है। शर्मा ने यह भी कहा कि कीनिया की तरह के हश्र से बचने के लिए युगांडा क्रिकेट में कुछ बदलाव करने होंगे। 

कीनिया 2011 के बाद से आईसीसी टूर्नामेंट नहीं खेला है। शर्मा ने कहा, ‘अभी तक का अनुभव अच्छा रहा है। कुछ चीजों में बदलाव करना होगा। हमें बुनियादी ढांचा बेहतर करना होगा और अंडर 16 स्तर पर खेल शुरू करना होगा।'