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दोहा : चोटिल करीम बेनजेमा की गैरमौजूदगी के बावजूद गत चैंपियन फ्रांस की अग्रिम पंक्ति काफी मजबूत है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को यहां फीफा विश्व कप के ग्रुप डी मैच में टीम को मिडफील्ड की कमजोरियों से उबरना होगा। 

अधिकांश टीम काइलन एमबापे, एंटोनी ग्रिजमैन या ओलिवर गिरोड को अपनी अग्रिम पंक्ति में शामिल करेंगी, फिर अगर ये तीनों किसी टीम का हिस्सा हों तो फिर सोने पर सुहागा है। इन तीनों ने मिलकर फ्रांस के लिए 119 अंतरराष्ट्रीय गोल दागे हैं जबकि उनकी गति, अनुभव और कौशल का भी कोई जवाब नहीं है। फ्रांस की मिडफील्ड हालांकि उतनी मजबूत नहीं है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह टीम के लिए परेशानी का सबब हो सकता है। 

दोनों टीम चार साल पहले विश्व कप के अपने पहले मुकाबले में आमने-सामने थीं तो फ्रांस को 2-1 से जीत दर्ज करने में काफी पसीना बहाना पड़ा था जबकि उस समय टीम के पास मिडफील्ड में उसके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मौजूद थे। फ्रांस के कोच डिडिएर डेसचैम्प्स को मिडफील्ड में चोटिल एनगोलो कांते और पॉल पोग्बा की कमी खल रही है जो 2018 की टीम का हिस्सा थे। 

फ्रांस के लिए 91 मैच खेलने वाले पोग्बा ने अपने 11 गोल में से एक गोल क्रोएशिया के खिलाफ फाइनल में टीम की 4-2 की जीत के दौरान दागा था। पोग्बा की फॉर्म में पिछले विश्व कप के बाद से उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। टीम को हालांकि कांते की कमी अधिक खलेगी जिन्होंने टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इन दोनों की गैरमौजूदगी में मिडफील्ड में एड्रियन रेबियोट पर जिम्मेदारी रहेगी तो 29 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के साथ टीम के सबसे अनुभवी मिडफील्डर हैं। 

रेबियोट के मिडफील्ड में बाएं छोर से उतरने की उम्मीद है। ऑरेलियन चोउआमेनी के बीच में जबकि एडवर्डो कामावाइंगा या मातियो गुएनडोजी के दाएं छोर पर खेलने की उम्मीद है। इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया की मिडफील्ड मजबूत है जिसकी अगुआई अनुभवी आरोन मूई करते हैं। विश्व कप 2014 में मैथ्यू लेकी ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे और एक बार फिर टीम को उनसे काफी उम्मीदें होंगी। लेकी 13 अंतरराष्ट्रीय गोल के साथ राष्ट्रीय टीम के शीर्ष स्कोरर भी हैं। लेकी और मूई दोनों ने चार साल पहले फ्रांस के खिलाफ शुरुआती एकादश में जगह बनाई थी। विंगर मार्टिन बॉयल के घुटने की चोट के कारण बाहर होने से हालांकि ऑस्ट्रेलिया के कोच ग्राहम आर्नोल्ड की रणनीति प्रभावित होगी।