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बेरॉन : भारतीय महिला गोल्फर दीक्षा डागर ने चेक लेडीज ओपन के तीसरे और आखिरी दौर में रविवार को यहां 69 का कार्ड खेल कर चार शॉट के बड़े अंतर से खिताब अपने नाम किया। यह लेडीज यूरोपीय टूर (एलईटी) पर उनका दूसरा खिताब है। उन्होंने इससे पहले अपने पेशेवर करियर के शुरुआती साल 2019 में एलईटी का पहला खिताब (इन्वेस्टेक वुमन दक्षिण अफ्रीका ओपन) जीता था। वह 2021 में अरामको टीम सीरीज की विजेता टीम की सदस्य थी। एलईटी में दीक्षा का यह 79वां मुकाबला था। वह अब तक दो बार व्यक्तिगत चैम्पियन रही है और नौ बार शीर्ष 10 में रहीं है। 

तीसरे दौर में पांच शॉट की बढ़त के साथ शुरुआत करने वाली 22 साल की इस खिलाड़ी ने रविवार को चार बर्डी के मुकाबले एक बोगी की। उन्होंने इससे पहले शुरुआती दो दौर में  69 और 65 का शानदार स्कोर किया था। उन्होंने इस दौरान तीन दौर में कुल 13 बर्डी लगायी। आखिरी दौर में थाईलैंड की त्रिचैट छींगलैब ने नौ अंडर 64 के स्कोर के साथ दीक्षा को टक्कर दी लेकिन शुरुआती दो दौर में 73 और 70 के कार्ड के कारण वह भारतीय गोल्फर के स्कोर के करीब नहीं पहुंच सकी। वह नौ अंडर के स्कोर के साथ दूसरे जबकि फ्रांस की सेलिना हेरबिन  (69-72-67) आठ अंडर के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रही। अदिति अशोक के बाद दीक्षा एलईटी टूर पर दो खिताब जीतने वाले दूसरी भारतीय खिलाड़ी है। वह इस टूर्नामेंट के 2021 सत्र में चौथे स्थान पर रही थी। इस जीत से पहले मौजूदा सत्र में वह तीन बार शीर्ष 10 में रही है। 

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दीक्षा बेल्जियम लेडीज ओपन में छठे , हेलसिंगबर्ग लेडीज ओपन में आठवें और पिछले सप्ताह अमुंडी जर्मन मास्टर्स में तीसरे स्थान पर रहीं। लेडीज चेक ओपन में भाग ले रही एक अन्य भारतीय प्रणवी उर्स तीसरे दौर में तीन अंडर 69 का कार्ड खेलने के बाद संयुक्त 17वें स्थान पर रही। उनका कुल स्कोर चार अंडर (75-68-69) का रहा। रिद्धिमा दिलावड़ी कट में जगह बनाने से चूक गयी थी। दीक्षा ने इस जीत के बाद कहा, ‘‘ मैं दो साल पहले ओलंपिक क्वालीफिकेशन अवधि के दौरान शीर्ष पांच में रही थी। मेरा लक्ष्य शीर्ष पांच में जगह बनाना था। मैं यहां कई बार खेल चुकी हूं और मैं इस कोर्स को अच्छी तरह से जानती हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आत्मविश्वास से लबरेज महसूस कर रही हू। मेरा मुख्य ध्यान अच्छा गोल्फ खेलना है और फिलहाल मैं इसका लुत्फ उठा रही हूं।''