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हांगझोउ : विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज परवीन हुड्डा ने महिलाओं की 57 किग्रा स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाकर एशियाई खेलों में पदक सुनिश्चित करने के साथ पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल किया। विश्व चैम्पियनशिप में 63 किग्रा में पदक जीतने वाली परवीन ने रविवार को यहां क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की सितोरा तर्डिबेकोवा को सर्वसम्मत फैसले से हराया। 

राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मीन लम्बोरिया 60 किग्रा क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उत्तर कोरिया की मुक्केबाज वोन उन्गयोंग से दूसरे दौर में आरएससी (रेफरी द्वारा मैच रोकने) से हारने के बाद बाहर हो गईं। मौजूदा एशियाई चैंपियन परवीन अपने मुकाबले में शुरू से ही लय में दिखी। उन्होंने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए 21 साल की प्रतिद्वंद्वी को बाएं और दाएं दोनों ओर से मुक्के जड़े। 

परवीन ने शुरुआती दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन इसके बाद तर्डिबेकोवा को अपने करीब आने का मौका दिया और फिर सटीक पंच जड़े। तर्डिबेकोवा ने भी इस दौरान कुछ अच्छे मूव बनाकर परवीन को पंच जड़े लेकिन यह काफी नहीं था। जैस्मीन ने पहला दौर 5-0 से अपने नाम किया। उन्होंने इसके बाद अपने ‘हेड गियर' को सही तरीके से लगाने की मांग की। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद एकाग्रता गंवा दी और वोन ने उन्हें करारे हुक्स तथा जैब्स जड़ दिए। जैस्मीन इसके बाद बचाव की मुद्रा में आ गई और इसका फायदा उठाते हुए वोन ने उन्हें और पंच लगाए जिससे वह एक-एक कर तीन बार कोर्ट में गिर गई। तीसरी बार कोर्ट में गिरने के बाद वोन को विजेता घोषित कर दिया गया। 

दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) पहले ही अपने-अपने वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं। महिला वर्ग में 50 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा और 60 किग्रा में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले और 66 किग्रा तथा 75 किग्रा में फाइनल में पहुंचने वाले मुक्केबाजों को पेरिस ओलंपिक का कोटा मिलेगा। पुरुष वर्ग में सात वजन वर्गों से स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को ओलंपिक कोटा मिलेगा।