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नई दिल्लीः भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को रविवार को आयोजित एक सम्मान समारोह में शर्मसार होना पड़ा क्योंकि नकद पुरस्कार राशि के लिए एशियाई खेलों के पदकधारियों के लिए बने चेक पर कई नाम गलत लिखे हुए थे और यहां तक कि एक खिलाड़ी का नाम शामिल भी नहीं था। इसमें करीब 15 पदकधारी शामिल थे जिसमें कम्पाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेनाम और अभिषेक वर्मा को सिर्फ फूलों का गुलदस्ता ही दिया गया क्योंकि उनके नाम चेक पर गलत लिखे हुए थे। आईओए ने टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: तीन लाख, दो लाख ओर एक लाख रूपये के पुरस्कार दिए। व्यक्तिगत पदकधारियों को पांच लाख, तीन लाख और दो लाख के पुरस्कार दिये गये। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, ‘‘मैं अपनी गलती के लिए पहले ही माफी मांगना चाहूंगा। 

दिव्या के नाम का जिक्र करना ही भूल गए
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करीब 14-15 खिलाड़ियों के नाम गलत प्रिंट हो गये हैं इसलिये हम उन्हें केवल फूलों का गुलदस्ता ही देंगे। लेकिन चिंता मत कीजिये, आपको नकद पुरस्कार मिलेगा। मैं उन्हें वो चेक नहीं देना चाहता जिस पर गलत नाम लिखे हैं। '' एक और शर्मसार होने वाली घटना में आयोजक कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान के नाम का जिक्र करना ही भूल गये। जब काकरान के माता-पिता ने समारोह के बाद बत्रा से इसके बाबत पूछा तो अध्यक्ष ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को दिव्या के पुरस्कार की घोषणा करने के लिए पुकारा लेकिन वह कार्यक्रम से जा चुके थे। काकरान की मां ने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि उसका नाम सूची में ही नहीं है लेकिन हमने उसका नाम दिया था। मैं नहीं जानती कि क्या हो रहा है। '' 

आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, ‘‘हमेशा चीजें पहली बार होती हैं। खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया इसलिए हमने उन्हें नकद पुरस्कार देने का फैसला किया। हम भविष्य में भी उन्हें नकद पुरस्कार देना जारी रखेंगे, भले ही ये ओलंपिक में, राष्ट्रमंडल खेल या एशियाई खेलों में हों। हमारे प्रायोजक ही ये राशि मुहैया करायेंगे। '' कई खिलाड़ी इस समारोह में नहीं आये जिसमें स्वर्ण पदकधारी भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा और टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण, पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के अलावा बैडमिंटन पदकधारी पीवी सिंधू और साइना नेहवाल शामिल थीं। भारत ने एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और जकार्ता एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक से कुल 69 पदक जुटाये।