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ढाका : आईसीसी के एंटी-करप्शन इकाई (ACU) ने बांग्लादेश के हरफनमौला खिलाड़ी नासिर हुसैन समेत अबू धाबी टी10 प्रतियोगिता की फ्रैंचाइजी पुणे डेविल्स के कुल 8 सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यह आरोप 2020-21 में अबू धाबी में खेले गए संस्करण से जुड़े हैं। नासिर के अलावा डेविल्स टीम के सह-मालिक कृष्ण कुमार चौधरी, पराग सांघवी का नाम आगे आया है। इनके अलावा यूएई के घरेलू क्रिकेटर रिजवान जावेद, श्रीलंका के सालिया समन, बल्लेबाज़ी कोच अशर जैदी, सहायक कोच सनी ढिल्ल्न और टीम मैनेजर शादाब अहमद पर भी करप्शन के आरोप लगे हैं।

2021 के बाद डेविल्स की टीम इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बनी है। उन्होंने उस साल सुपर लीग में 6 मैचों में एक जीत हासिल करते हुए आखिरी स्थान पर फिनिश किया था। एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर्नामेंट को साफ-सुथरा रखने के उद्देश्य से एसीयू को इस टूर्नामेंट पर निगरानी रखने की जि़म्मेदारी दी थी। आठों आरोपियों को मंगलवार की घोषणा के बाद दो सप्ताह में अपनी सफाई पेश करने को कहा गया है। 

एसीयू की सूची पर काफी ऊंचे स्थान पर नामी-गिनामी भ्रष्टाचारी डेविल्स की टीम को उनके मैचों के नतीजों पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि आईसीसी ने एक मीडिया रिलीज़ में बताया कि उन्होंने इन प्रयासों को ‘विफल' कर दिया था। आठों पर अप्रोच ना रिपोर्ट करना, छानबीन में सहायता ना देना या उसमें देरी करना, जैसे आरोप तो लगे हैं ही, साथ में कई और आरोप भी लगाए गए हैं। सांघवी पर मैच के नतीजे या उसकी प्रगति पर जुआ खेलने का आरोप लगा है।

वहीं जैदी, जावेद, समन और ढिल्ल्न पर मैच को फिक्स, नतीजे पर प्रभाव डालना या खेल को किसी तरह से बदलने का प्रयास करने का दोषी पाया गया। इसके अलावा जावेद और समन पर खिलाड़ी को भ्रष्टाचार करने पर प्रलोभन देने के आरोप भी लगे हैं। इन सब में हुसैन सबसे बड़े नाम हैं और बांग्लादेश के लिए तीनों प्रारूप खेल चुके हैं। उन पर 750 डॉलर (करीब 62,000 रुपए) से अधिक मूल्य का तोहफा ना रिपोर्ट करने का आरोप लगा है, जो एसीयू संहिता के अनुसार अनिवार्य होता है।