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खेल डैस्क : 52 साल पुराने हॉकी विश्व कप को भारतीय हॉकी टीम सिर्फ एक बार ही जीत पाई है। भारत के लिए यह सपना जालन्धर के अजीत पाल सिंह ने पूरा कर दिखाया था। पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए अहम मुकाबले में जालन्धर के सुरजीत सिंह रंधावा और झांसी के अशोक कुमार ने दो गोल पाकिस्तान को 2-1 से हरा दिया था। मलेशिया में 12 टीमों के बीच खेले गए इस विश्व कप के 42 मुकाबलों में रिकॉर्ड 175 गोल हुए थे यानी प्रति मैच 4.17 गोल।

 

कौन थे अजीत पाल सिंह कुलार

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भारतीय टीम को पहला विश्व कप गोल्ड दिलाने वाले कप्तान अजीत पाल सिंह कुलार ने दो ओलिम्पिक भी खेले हैं। कुलार मैक्सिको ओलिम्पिक 1968 और मुनिख ओलिम्पिक 1972 में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के मेंबर थे। कुलार के रहते भारतीय हॉकी टीम ने 1971 विश्व कप में ब्रॉन्ज, 1973 विश्व कप में सिल्वर तो 1975 विश्व कप में गोल्ड जीता था। 1970 में बैंकॉक एशियाई गेम्स और 1974 में तेहरान एशियाई गेम्स में  भी भारत ने सिल्वर मेडल जीता था। 1992 में उन्हें पद्मश्री मिला था।

 

कौन थे सुरजीत सिंह रंधावा

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बटाला में जन्मे और जालन्धर के खालसा कॉलेज में पढ़ते रंधावा ने यूनिवर्सिटी लेवल पर हॉकी खेलनी शुरू की थी। पंजाब पुलिस ज्वाइंन करने के बाद वह 1973 का विश्व कप भी खेले। हॉकी के तमाम बड़े रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले सुरजीत सिंह रंधावा एक कार हादसे में चल बसे थे। 1984 में जब पंजाब में हालात खराब हुए थे तब रंधावा भारत और पाक के बीच मैत्री टूर्नामेंट करवाने अटारी गए थे। वापसी पर उनकी कार हादसाग्रस्त हो गई। घटना रात की थी तो उनकी मदद करने भी कोई नहीं आ पाया। सुरजीत ने मदद न मिलने पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। सुरजीत की प्राप्तियों को देखते हुए उनका गांव दाखलां का नाम सुरजीत सिंह वाला कर दिया गया था। सुरजीत की याद में आज भी जालन्धर के बरल्टन पार्क में सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट करवाया जाता है।

 

कौन थे अशोक कुमार

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अशोक कुमार पूर्व भारतीय पेशेवर फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं। वह भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के बेटे हैं। कुमार अपने असाधारण कौशल और गेंद पर नियंत्रण के लिए जाने जाते थे। वह 1975 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। उन्हें 1974 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1975 में विश्व कप में भारत की एकमात्र जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल किया था। उन्हें 2013 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती सम्मान से सम्मानित किया गया था। 

 

ऐसा रहा टीम इंडिया का सफर

ग्रुप वर्ग 
भारत बनाम इंगलैंड 2-1 (जीत)
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया 1-1 (ड्रॉ)
भारत बनाम घाना 7-0 (जीत)
भारत बनाम अर्जेंटीना 1-2 (हार)
भारत बनाम वैस्ट जर्मनी 3-1 (जीत)
सैमीफाइनल
भारत बनाम मलेशिया 3-2 (जीत)
फाइनल
भारत बनाम पाकिस्तान 2-1 (जीत)

 

ऐसे जीता था 1975 का विश्व कप

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विश्व कप में टीम इंडिया पूल बी में थी। ग्रुप वर्ग में पहला मुकाबला इंगलैंड के साथ हुआ जिसे टीम इंडिया 2-1 से जीतने में सफल रही। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया से 1-1 से ड्रा खेला। तीसरे मुकाबला घाना से था जिसमें टीम इंडिया 7-0 से जीती थी। फिर अर्जेंटीना के खिलाफ  चौथे मुकाबले में 1-2 से हार झेलनी पड़ी। पांचवां मुकाबला वैस्ट जर्मनी के साथ हुआ जिसमें 3-1 से जीत मिली। सैमीफाइनल मुकाबला मलेशिया के साथ हुआ जिसमें भारत ने 3-2 से जीत हासिल की। फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान सामने थी। भारत ने 2-1 से फाइनल मुकाबला जीता। इनमें से एक गोल सुरजीत सिंह रंधावा ने किया था।