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लंदन: पश्चिम बंगाल के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक दीप नारायण नायक और आंध्र प्रदेश से अंग्रेजी के शिक्षक हरि कृष्ण पतचारू के नाम को ‘वैश्विक शिक्षक पुरस्कार 2023' के लिए शीर्ष 50 लोगों की सूची में शामिल किये गये हैं। इस पुरस्कार का आयोजन वार्की फाउंडेशन- यूनेस्को के सहयोग से और संयुक्त अरब अमीरात के वैश्विक परोपकारी संगठन ‘दुबई केयर्स' के साथ मिलकर करता है। सूची में इन 50 लोगों के नाम दुनिया भर के 130 देशों से मिले 7,000 से अधिक नामांकन और आवेदनों में से चुने गए हैं। इसमें पुरस्कार के तौर पर दस लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान किए जाते हैं।

 

आसनसोल के जमुरिया में ‘तिलका मांझी आदिवासी फ्री प्राथमिक विद्यालय' के शिक्षक नायक को उनकी नवीन शिक्षण विधियों के लिए चुना गया, जिससे शिक्षण और सामाजिक चुनौतियों का सामना करने वाले वंचित वर्ग के बच्चों के जीवन में बदलाव आया है। वैश्विक शिक्षक पुरस्कार ने एक बयान में कहा,‘‘ महामारी के बीच उन्होंने मिट्टी की दीवार को ब्लैकबोर्ड बना दिया और सड़कों का उपयोग कक्षा के तौर पर किया। उनका ध्यान अभिभावकों की शिक्षा, अंधविश्वास का उन्मूलन और सीखने में अक्षमता जैसी समस्याओं को दूर करने पर रहा, जिससे बच्चे तथा समुदाय सशक्त हुए।''

 

नायक की पहल सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं थी, बल्कि कुपोषण, बच्चों के उत्पीड़न और टिकाऊ पर्यावरण तथा उनकी ‘रास्टर मास्टर' परियोजना समग्र शिक्षा, कोविड के बाद की चुनौतियों से निपटने का खाका पेश करती है। हरि कृष्ण गुंटूर जिले के भट्टीप्रोलु मंडल में जेडपीएचएस इलावरम में शिक्षक हैं। उन्हें भाषा की बाधाओं को दूर करने और अपने छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने के मिशन पर काम करने के लिए चुना गया है। अंतिम सूची में से दस नामों को चुना जाएगा। इनकी घोषणा इस वर्ष के अंत में की जाएगी।