Gudi Padwa: भारत के विभिन्न स्थानों पर कुछ इस तरह मनाया जाता है गुड़ी पड़वा, पढ़ें महत्व

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Apr, 2024 09:23 AM

gudi padwa

गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्र में लोग गुड़ी लगाते हैं इसीलिए यह पर्व गुडी पडवा कहलाता है। एक बांस लेकर उसके ऊपर चांदी, तांबे या पीतल का उलटा कलश

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Gudi Padwa 2024: गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्र में लोग गुड़ी लगाते हैं इसीलिए यह पर्व गुडी पडवा कहलाता है। एक बांस लेकर उसके ऊपर चांदी, तांबे या पीतल का उलटा कलश रखा जाता है और सुन्दर कपड़े से इसे सजाया जाता है। आमतौर पर यह कपड़ा केसरिया रंग का और रेशम का होता है। फिर गुड़ी को गाठी, नीम की पत्तियों, आम की डंठल और लाल फूलों से सजाया जाता है। गुड़ी को किसी ऊंचे स्थान जैसे कि घर की छत पर लगाया जाता है, ताकि उसे दूर से भी देखा जा सके। कई लोग इसे घर के मुख्य दरवाज़े या खिड़कियों पर भी लगाते हैं।

PunjabKesari Gudi Padwa

विभिन्न स्थलों में गुड़ी पड़वा आयोजन- देश में अलग-अलग जगहों पर इस पर्व को भिन्न-भिन्न नामों से मनाया जाता है। गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे संवत्सर पड़वो नाम से मनाता है। कर्नाटक में यह पर्व युगाड़ी नाम से जाना जाता है। आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में गुड़ी पड़वा को उगाड़ी नाम से मनाते हैं। कश्मीरी हिन्दू इस दिन को नवरेह के तौर पर मनाते हैं। मणिपुर में यह दिन सजिबु नोंगमा पानबा या मेइतेई चेइराओबा कहलाता है। इस दिन चैत्र नवरात्रि भी आरम्भ होती है।

PunjabKesari Gudi Padwa

Importance of Gudi गुड़ी का महत्व
गुड़ी पड़वा से अनेक चीज़े जुड़ी हुई हैं। आइए, देखते हैं उनमें से कुछ विशेष को–
सम्राट शालिवाहन द्वारा शकों को पराजित करने की ख़ुशी में लोगों ने घरों पर गुड़ी को लगाया था।
कुछ लोग छत्रपति शिवा जी की विजय को याद करने के लिए भी गुड़ी लगाते हैं।
यह भी मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने इस दिन ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इसीलिए गुड़ी को ब्रह्मध्वज भी माना जाता है। इसे इन्द्र-ध्वज के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान राम द्वारा 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की याद में भी कुछ लोग गुड़ी पड़वा का पर्व मनाते हैं।
माना जाता है कि गुड़ी लगाने से घर में समृद्धि आती है।
गुड़ी को धर्म-ध्वज भी कहते हैं। अतः इसके हर हिस्से का अपना विशिष्ट अर्थ है–उलटा पात्र सिर को दर्शाता है जबकि दण्ड मेरु-दण्ड का प्रतिनिधित्व करता है।
किसान रबी की फ़सल की कटाई के बाद पुनः बुवाई करने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाते हैं। अच्छी फसल की कामना के लिए इस दिन वे खेतों को जोतते भी हैं।
हिन्दुओं में पूरे वर्ष के दौरान साढ़े तीन मुहूर्त बहुत शुभ माने जाते हैं। ये साढ़े तीन मुहूर्त हैं–गुड़ी पड़वा, अक्षय तृतीया, दशहरा और दीवाली को आधा मुहूर्त माना जाता है।

PunjabKesari Gudi Padwa

आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
9005804317

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!