Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Oct, 2018 11:09 AM
भारत बेहतर लाभ के साथ सेवानिवृत्ति आय व्यवस्था उपलब्ध कराने के मामले में फिसड्डी है। भारत कुल 34 देशों में नीचे से दूसरे स्थान पर है। मेलबर्न मर्सर ग्लोबल पेंशन सूचकांक ने पता चलता है कि दुनिया भर में उम्रदराज होती आबादी सरकारों के लिए चुनौती है।...
मुंबईः भारत बेहतर लाभ के साथ सेवानिवृत्ति आय व्यवस्था उपलब्ध कराने के मामले में फिसड्डी है। भारत कुल 34 देशों में नीचे से दूसरे स्थान पर है। मेलबर्न मर्सर ग्लोबल पेंशन सूचकांक ने पता चलता है कि दुनिया भर में उम्रदराज होती आबादी सरकारों के लिए चुनौती है। नीति निर्माता अपने सेवानिवृत्त लोगों को ऐसी वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं जो न केवल व्यक्तिगत रूप से पर्याप्त हो बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहतर हो।
अध्ययन में कहा गया है कि भारत सेवानिवृत्ति आय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में धीमा लेकिन निरंतर आगे बढ़ रहा है। हालांकि 34 देशों की रैंकिग में वह नीचे से दूसरे स्थान पर है। वह सूची में ‘ग्रेड डी’ में जापान, चीन, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको तथा अर्जेन्टीना के साथ है। सूचकांक में 34 देशों में सेवानिवृत्ति आय प्रणाली के आकलन के लिए तीन उप-सूचकांक- उसका पर्याप्त होना, भरोसेमंद और ईमनदारी का उपयोग किया गया है।
अध्ययन में कुल 34 देशों की 34 पेंशन प्रणाली का आकलन किया गया है। इसके अनुसार नीदरलैंड और डेनमार्क क्रमश: 80.3 तथा 80.2 अंक के साथ ए श्रेणी में हैं। इसका मतलब है कि इन देशों में वैश्विक स्तर की सेवानिवृत्ति आय प्रणाली है और ये कल की उम्रदराज होने वाली आबादी के लिये पूर्ण रूप से तैयार हैं। पर्याप्त उप-सूचकांक के मामले में जर्मनी 79.9 अंक तथा फ्रांस 79.5 अंक के साथ उच्च स्तर पर हैं। वहीं मेक्सिको 37.3 तथा भारत 38.7 के साथ निम्न स्थान पर है।