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जालन्धर : आखिरकार भारत के नौजवानों ने अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप में विजय पताका फहरा ही दी। न्यूजीलैंड के बे-ओवल में खेले गए मैच के दौरान भारतीय खिलाडिय़ों ने पहले गेंदबाजी और फिर बल्लेबाजी में धाक जमाते हुए जीत दर्ज की। भारत की वर्ल्ड कप जीत की खासियत यह रही कि इसमें पूरी टीम किसी खास प्लेयर पर निर्भर नहीं रही। सभी ने वल्र्ड कप विक्टरी में बराबर योगदान रहा। वैसे भी सीरीज की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने इस कद्र विरोधी टीमों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाई कि पूरा टूर्नामैंट एकतरफा हो गया। क्वार्टरफाइनल तक आते-आते भारत की जीत तय लगने लगी थी। और इसे भारतीय नौजवानों ने सही भी साबित करके दिखाया।

वर्ल्ड कप के मैचों में भारत की हुई बढ़ी जीतेंं-
- पहला : 100 रन से ऑस्ट्रेलिया को हराया। 
- दूसरा : 10 विकेट से पापुआ न्यूगिनी को हराया। 
- तीसरा : 10 विकेट से न्यूजीलैंड पर जीत दर्ज की। 
- क्वार्टर फाइनल : 131 रन से बांगलादेश को हराया। 
- सेमीफाइनल : भारत 203 रन से पाकिस्तान से जीता।
- फाइनल : ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया।

सभी खिलाडिय़ों ने किया प्रदर्शन

पृथ्वी शाह ने बनाए 261 रन
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भारतीय टीम जीती इसका बड़ा श्रेय पृथ्वी शॉ के योग्य नेतृत्व को भी जाता है। पहली ही मैच में शॉ ने 94 रन की पारी खेलकर बता दिया था कि भारतीय टीम वल्र्ड कप की सबसे मजबूत दावेदार है। इसके बाद पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ दूसरे मैच में पृथ्वी ने जिस प्रकार विरोधी टीम को धोया, काबिले-तारीफ रहा। जिमबाब्वे के बाद बांगलादेश और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उपयोगी रन बनाकर टीम इंडिया को वल्र्ड कप दिलाने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।

मनजोत कालड़ा : फाइनल में शतक लगाने वाले 5वें बल्लेबाज
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पृथ्वी के साथ भारतीय पारी को मजबूत शुरुआत देने वाले मनजोत कालड़ा ने भी शुरुआती मैच में 86 रन बनाकर बता दिया था कि भारतीय टीम मजबूत इरादों से न्यूजीलैंड पहुंची हैं। इसके बाद दूसरे मैच में नॉट आऊट 9, फिर चौथे में 9 तो 5वें मैच में 47 रन बनाए। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी और फाइनल मैच में शानदार शतक लगाकर वह दिल जीत ले गए।

शुभमन गिल : सीरीज की बढ़ी खोज रहे गिल
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वर्ल्ड कप में सर्वाधिक 124 की औसत से रन बनाने वाले मोहाली के शुभमन गिल ने पहले ही मैच में पृथ्वी और मनजोत के साथ शानदार 63 रन बनाए थे। अगले मैचों में 90, 86, 102, फाइनल में 31 रन बनाकर उन्होंने अपना नाम भारतीय क्रिकेट की सबसे उभरती प्रतिभाओं में शामिल कर लिया। गिल ने इसके अलावा लगातार 6 अंडर-19 के मैचों में 50 से ज्यादा रन बनाकर भी रिकॉर्ड बनाया। 2018 वल्र्ड कप के वह मैन ऑफ द सीरीज भी रहे।

शिवम मावी : तेज गेंदबाज ने दिखाई धार
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भारतीय तेज गेंदबाजी की कमान संभालते वाले शिवम माही ने आग उगलती गेंदों के साथ विरोधी टीमों को पछाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी। पहले मैच में 45 रन पर 3 विकेट निकालने वाले मावी ने कुल 6 मैचों में 9 विकेट हासिल किए।

आईसी पोरेल : पाकिस्तान को सस्ते में सिमेटने वाले
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अंडर-19 में हर बार मजबूत दावेदार रहते पाकिस्तान को पोरेल ने सस्ते में सिमेटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मैच में उन्होंने 17 रन देकर 4 विकेट लिए थे।

शिवा सिंह : कम इकोनमी रेट से दिए रन
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तेज गेंदबाज शिवा सिंह ने 6 मैचों में हालांकि सिर्फ 5 विकेट लिए लेकिन उन्होंने विरोधी बल्लेबाजों को थामने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। यह उनकी कसी हुई गेंदबाजी ही थी कि किसी भी मैच में उन्हें 36 से ज्यादा रन नहीं पड़े। एक मैच में उन्होंने बल्लेबाजी में भी दम दिखाते हुए 12 गेंद में 23 रन बनाए थे।

अभिषेक शर्मा : ऑलराऊंडर परफार्मेंस ने दिल जीता
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भारतीय टीम को अभिषेक शर्मा जैसे ऑलराऊंडर का फायदा वल्र्ड कप जीत के साथ हुआ। अभिषेक ने जब टीम में जरूरत हुई तब रन बनाए, जब विकेट चाहिए थी, विकेट निकाले। चुस्त फील्डिंग और हार्ड हीटिंग के लिए जाने जाते अभिषेक ने वल्र्ड कप के 5 मैच खेलकर एक फिफ्टी भी बनाई।

कमलेश नगरकोटी : 150* की स्पीड से कराई बॉलिंग
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महज 18 साल की उम्र में लगभग 150 की स्पीड से बॉलिंग कर दुनिया भर के दिग्गजों में तहलका मचा देने वाले नगरकोटी ने 6 मैच खेलकर 9 विकेट भी झटके। अपने मजबूत प्रदर्शन के दम पर नगरकोटी आईपीएल में जगह बनाने पाले चुनिंदा प्लेयर्स में शामिल हो गए।

एएस रॉय : सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
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झारखंड के स्पिनर अनकुल रॉय वल्र्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट निकालने वाले गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने कुल 16 विकेट निकाले। पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ 5/14 तो जिमबाब्वे के खिलाफ 4/20 का परफार्मेंस देने वाले रॉय ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी 32 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट निकाले।