Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 May, 2018 11:54 AM
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन पर शनि का गहरा प्रभाव पड़ता है। शनि की गिरफ्त में जो जातक आते हैं, उन्हें भयंकर रोगों, स्त्री कष्ट, आर्थिक परेशानी, राज दरबार से परेशानी तथा कार्य में विघ्न के योग बनते हैं। लड़ाई-झगड़े तथा अशांति सब शनि की देन हैं।
नारनौल (विशेष): भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन पर शनि का गहरा प्रभाव पड़ता है। शनि की गिरफ्त में जो जातक आते हैं, उन्हें भयंकर रोगों, स्त्री कष्ट, आर्थिक परेशानी, राज दरबार से परेशानी तथा कार्य में विघ्न के योग बनते हैं। लड़ाई-झगड़े तथा अशांति सब शनि की देन हैं। नारनौल के ज्योतिषी पं. अशोक प्रेमी बंसरीवाला ने कहा कि कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आनन-फानन में उत्पात योग मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम चरण में येदियुरप्पा ने मिथुन लग्न में शपथ ली। दूसरे भाव में राहु होने के कारण ऐसी सरकार पर सिर मुंडवाते ही ओले पड़ते हैं। उत्पात योग तथा शनि की कोप दृष्टि से राज्य में खून-खराबा, लड़ाई-झगड़ा, अशांति तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताज पर गाज गिरने के प्रबल योग पाए जाते हैं।
शपथ ग्रहण कुंडली में अष्टम भाव में मंगल-केतु की युति होने तथा मार्केश की मंगल की महादशा में राहु की अन्तर्दशा में 17 मई 2018 से 19 फरवरी 2019 में विपक्ष के नेता मिल कर येदियुरप्पा सरकार को नाको चने चबवा देंगे तथा येदियुरप्पा व भाजपा सरकार पर आने वाले समय बहुत कष्टमय सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि वह इससे पहले प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने, ओबामा के अमरीका में राष्ट्रपति बनने तथा मोदी के पी.एम. बनने की भविष्यवाणियां भी कर चुके हैं।
येद्दियुरप्पा के लिए समय अत्यंत घातक
पंजाब के प्रमुख ज्योतिषी इंद्रजीत साहनी ने कहा है कि कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा ने सुबह शपथ लेने के बाद 9.04 बजे रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए।इस हिसाब से उन पर मंगल महादशा में राहु की अन्तर्दशा तथा शनि की प्रत्यंतरदशा व शुक्र की सूक्ष्म दशा चल रही है जिस कारण इन सभी ग्रहों का संबंध बाधक व मृत्यु स्थान से बना हुआ है। मंगल, राहु, शनि के प्रभाव में येद्दियुरप्पा द्वारा शपथ लेना सरकार की अल्पायु का योग बनाता है।
मौजूदा ग्रह दशा को देखते हुए यह संभावना बन रही है कि येद्दियुरप्पा लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने नहीं रहेंगे। बहुमत साबित करने के लिए भी उन्हें एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। मौजूदा ग्रह दशा अत्यंत तनाव पैदा करने तथा विपक्षी दलों को मजबूती देने वाली है। ऐसा भी हो सकता है कि येद्दियुरप्पा के पास अगर विधानसभा में बहुमत की स्थिति नहीं बनती है तो वह विधानसभा जाने से पहले ही त्यागपत्र दे दें। चारों तरफ से येद्दियुरप्पा घिरते हुए दिखाई देंगे।