देश की रक्षा कंपनी HAL के पास नहीं बचा काम, कर्मचारियों की बढ़ी परेशानी

Edited By Yaspal,Updated: 20 Oct, 2018 09:26 PM

hal does not have any special work increased problems of employees

देश की प्रमुख रक्षा कंपनी HAL के पास काम न होने के चलते कंपनी के कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई हैैं। HAL राफेल डील को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में बनी हुई है...

नेशनल डेस्कः देश की प्रमुख रक्षा कंपनी HAL के पास काम न होने के चलते कंपनी के कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई हैैं। HAL राफेल डील को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। विपक्ष की ओर से सरकार पर आरोप लगाए गए कि राफेल सौदे में HAL की जगह एक प्राइवेट कंपनी को तवज्जो दी गई है। सभी आरोपों को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि दसॉल्ट एविएशन के ऑफसेट या निर्यात से जुड़े काम के सिलसिले में पार्टनर चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।

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क्या है कंपनी की परेशानी
अब भारत की इसी कंपनी को लेकर एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। सार्वजनकि क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी रक्षा कंपनी में से एक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास अब कुछ खास काम नहीं है, क्योंकि उसके पास काम की कमी है।  इस कारण कंपनी के हजारों कर्मचारियों को महीनों तक बिना काम के बैठने का डर सताने लगा है। दशकों से हवाई सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की सैन्य ताकत की रीढ रही इस कंपनी के मनोबल पर बुरा असर पड़ सकता है। 


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कहां-कहां स्थित हैं कंपनी 
बता दें कि एचएएल के देश भर में करीब 29 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें 9000 इंजिनियर भी शामिल हैं। ये सभी कर्मचारी देश के 9 स्थानों-बेंगलुरु, नासिक (महाराष्ट्र), लखनऊ, कानपुर, कोखा (यूपी) बैरकपुर (पश्चिम बंगाल,हैदराबाद और कासरगोड़ केरल में काम कर रहे हैं। बेंगलुरु और नासिक में ही 10 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा तुमाकुरु में नया हेलिकॉप्टर कॉम्पलेस अभी निर्माणाधीन है। इस कॉम्पलेक्स के उद्धाटन के बदा कुछ कर्मचारियों को वहां भी भेजा जाएगा। आज की तारीख में कंपनी की बेंगलुरू स्थित एयरक्राफ्ट डिविजन के 3 हजार कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं बचा है। जैगुआर और मिराज के अपग्रेडेशन का काम पूरा हो चुका है, लिहाजा इन कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस डिविजन में शिफ्ट किया जाएगा। जहां करीब 2 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। 


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क्यों टूटी आस
एचएएल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें 108 राफेल विमानों की डील मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए तैयारियां भी की जा चुकीं थीं। लेकिन डील सिर्फ 36 विमानों के लिए हुई और वह भी पूरी तरह तैयार विमानों के लिए, इसलिए अब इसमें कोई उम्मीद नहीं बची। वहीं एचएएल को 83 अतिरिक्त तेजस विमानों का ऑर्डर मिलना है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कर्मचारियों को बिना काम के बैठना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 83 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए मंजूरी दे दी है। लेकिन अभी इसे एयरपोर्ट की ओर से वास्तविक ऑर्डर में तब्दील किया जाना बाकी है। 
 

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