शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलवाने वाले अकबर ने तीन तलाक पर कैसे मारी पलटी?

Edited By Yaspal,Updated: 17 Oct, 2018 07:48 PM

akbar changed the judgment of the supreme court in the case of shah bano

मोदी सरकार ने जब तीन तलाक पर कानून बनाया था, उस दौरान केंद्र सरकार में विदेश मंत्री एमजे अकबर ने कहा था, ये विधेयक 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के दर्द और परेशानियों को समझता है...

नेशनल डेस्कः मोदी सरकार ने जब तीन तलाक पर कानून बनाया था, उस दौरान केंद्र सरकार में विदेश मंत्री एमजे अकबर ने कहा था, ये विधेयक 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के दर्द और परेशानियों को समझता है। मुस्लिम महिलाओं की परेशानी समझने का दावा करने वाले एमजे अकबर उन महिलाओं का दर्द क्यों न समझ सके, जिन्होंने कभी उनके साथ काम किया था। उन पर यौन शौषण के आरोप लगाए, वह उस शाहबानों का पक्ष भी नहीं ले सके थे, जिसके पक्ष में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से कहा था कि वह इस फैसले को संसद के द्वारा पलट दें, और हुआ भी कुछ ऐसा ही।

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#MeToo के आरोपों में बुरी तरह फंसे एमजे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस मुद्दे पर पहले ही उनकी बहुत किरकिरी हो चुकी है। पत्रकारिता के साथ राजनीतिक क्षेत्र में लंबा तजुर्बा रखने वाले एमजे अकबर ने वक्त के साथ कई नौकरी बदलीं तो साथ ही उन्होंने कई पार्टियां भी बदलीं, कभी कांग्रेस के नजदीक रहे अकबर इस समय बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। लंबी पत्रकारिता की पारी खेलने के बाद वह कांग्रेस से जुड़े थे। एक वक्त था, जब वे राजीव गांधी के बेहद खास थे।

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सुप्रीम कोर्ट ने उसी समय शाह बानो के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। लेकिन इस फैसले को पलटवाने में एमजे अकबर का बड़ा हाथ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय में निदेशक के पद पर कार्यरत हबीबुल्लाह ने इस बारे में खुलासा किया है। हबीबुल्लाह ने अपने एक लेख में बताया कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के पक्ष में फैसला सुनाया, कई मुस्लिम धर्म गुरू और मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई।

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हबीबुल्लाह बताते हैं कि इसी दौरान एक दिन जब उन्होंने प्रधानमंत्री राजीव गांधी से कहा था कि यदि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती तो पूरे देश में संदेश जाएगा कि पीएम मुस्लिम समुदाय को अपना नहीं मानते। इसके बाद संसद द्वारा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया। कभी शाहबानों केस में मुस्लिम संगठनों का समर्थन करने वाले एमजे अकबर के सुर तीन तलाक पर पूरी तरह बहदले हुए नजर आए। उन्होंने संसद में बहस के दौरान कहा, इस विधेयक से देश, समुदाय और राष्ट्र को फायदा होगा। इसमें लैंगिक प्रगति को भी बढ़ावा मिलेगा।

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अकबर ने कहा कि यह विधेयक 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के दर्द और परेशानियों को समझता है। इस बिल से उन लोगों को तगड़ा झटका लगेगा, जो तलाक के नाम पर महिलाओं को हमेशा दहशत और आतंक के साए में रखना चाहते हैं, कुरान की आयतों को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि एक पवित्र धर्मग्रंथ भी यही कहता है कि मुस्लिम महिलाओं का जो हक है, उन्हें हर हाल में उससे ज्यादा ही मिलना चाहिए, उससे कम कतई नहीं।

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