इमरान अब खोलेंगे चीन से मिले कर्ज का राज

Edited By Tanuja,Updated: 16 Oct, 2018 08:58 PM

बीते कुछ वर्षों से पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है और इसके लिए काफी हद तक कर्ज को जिम्मेदार माना जा रहा है जिसका बड़ा हिस्सा चीन से लिया गया है...

पेशावरः  बीते कुछ वर्षों से पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है और इसके लिए काफी हद तक कर्ज को जिम्मेदार माना जा रहा है जिसका बड़ा हिस्सा चीन से लिया गया है। अर्थशास्त्रियों का दावा है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थी उस स्थिति में पहुंच रही है जहां अपने कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए सरकारी खजाने में पैसे नहीं हैं। लिहाजा,पाक के पास अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डिफॉल्टर बनने से बचने के लिए सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा फंड (IMF) से मदद  का ही सहारा बचा है। बड़ी बात ये है कि पाक को IMF की मदद पाने के लिए चीन से लिए कर्ज के राज खोलने पड़ेंगे जबकि पाक अब तक यही कह रहा  है कि उसकी बिगड़ती हालत के लिए चीन जिम्मदार नहीं है। 
PunjabKesari
पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान बीते कुछ वर्षों से  पाक की नवाज शरीफ सरकार द्वारा चीन से किए गए चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर ( CPEC) की शर्तों का विरोध कर रहे हैं। इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने से पहले दावा किया था कि चीन की कंपनियों ने पाकिस्तानी कंपनियों से ऐसे आर्थिक करार किए हैं जिसका खामियाजा पाकिस्तान को लंबे अंतराल में भुगतना पड़ेगा। बीते हफ्ते आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीना लेगार्ड ने इस बात की पुष्टि की कि नवंबर में आईएमएफ की टीम बेलआउट की शर्तों पर वार्ता के लिए पाकिस्तान पहुंचेंगी।
PunjabKesari
इस पुष्टि से पाकिस्तान समेत दुनिया को साफ हुआ की पाकिस्तान वाकई आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। जल्द उसे बचाने की कवायद नहीं की गई तो उसकी भी हालत ग्रीस जैसी हो जाएगी जहां कर्ज का ब्याज और सरकार का खर्च चलाने के लिए उसे कर्ज लेने की मजबूरी बन जाएगी। इसके अलावा एक बात साफ है कि चीन और पाकिस्तान के बीच हुए वन बेल्ट वन रोड परियोजना (प्राचीन सिल्क रूट) का सीपीईसी चैप्टर खतरे में है। इतिहास में पहली बार पाकिस्तान इतनी बड़ी रकम का बेलआउट पैकेज आईएमएफ से मांग रहा है।
PunjabKesari
गौरतलब है कि 1998 के बाद से पाकिस्तान का यह 13वां बेलआउट पैकेज है. हालांकि यह पहली बार है जब पाकिस्तान सरकार ने 12 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद या बेलआउट पैकेज मांगा है, लेकिन यह पाकिस्तान सरकार के लिए बेहद मुश्किल आर्थिक पैकेज भी साबित होने जा रहा है। अंशुमान तिवारी ने बताया कि आईएमएफ से इस राहत पैकेज के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार ने चीन के साथ सीपीईसी समझौते के तहत मिले सभी कर्ज का ब्यौरा साझा करना पर रजामंदी दी है।
PunjabKesari
ये भी गौरतलब है कि  पाकिस्तान पर लगभग 28 ट्रिलियन रुपए (पाकिस्तानी करंसी) या 215 बिलियन डॉलर का  कर्ज है।  स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक जून 2018 तक पाकिस्तान पर कुल कर्ज उसकी जीडीपी के 83 फीसदी के बराबर है।इस परिस्थिति में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार महज 8.3 बिलियन डॉलर पर सिमट गया है।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!