70 देशों के नेताओं ने मिलकर मनाई प्रथम विश्व युद्ध की शताब्दी, तल्खी भी दिखी

Edited By Tanuja,Updated: 12 Nov, 2018 11:07 AM

leaders from 70 countries mark centenary of world war i

पूरी दुनिया ने रविवार को प्रथम विश्व युद्ध के समापन की 100वीं बरसी मनाई। इस मौके पर पेरिस में आयोजित कार्यक्रम में जर्मनी, रूस और अमेरिका समेत

 पेरिस/वॉशिंगटनः पूरी दुनिया ने रविवार को प्रथम विश्व युद्ध के समापन की 100वीं बरसी मनाई। इस मौके पर पेरिस में आयोजित कार्यक्रम में जर्मनी, रूस और अमेरिका समेत 70 देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। अमेरिका और यूरोप में चल रही तनातनी के बीच कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दुनियाभर में उभरते राष्ट्रवाद पर चिंता जताई।शांति की उम्मीद के साथ पेरिस में दी गई युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई । कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शामिल हुए। PunjabKesari
 प्रथम विश्व युद्ध सबसे बड़े कत्लेआम में शुमार 
आधुनिक मानव इतिहास के सबसे बड़े कत्लेआम में शुमार किए जाने वाले प्रथम विश्व युद्ध (1914 से 1918) में करीब दो करोड़ लोग मारे गए थे। कुछ इतिहासकार पांच करोड़ लोगों के मारे जाने का दावा भी करते हैं। युद्ध में अविभाजित भारत (भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश) से 11 लाख लोगों ने भाग लिया था। इसमें 50 हजार से ज्यादा भारतीय मारे गए थे और इतने ही घायल हो गए थे।

PunjabKesariइस भीषण युद्ध में जान गंवाने वालों की स्मृति में रविवार को पेरिस के आर्क डी ट्रियंफ में एक अज्ञात सैनिक की समाधि पर दुनियाभर के नेता एकत्र हुए। स्थानीय समयानुसार दिन में 11 बजे चर्च में घंटा बजने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस मौके पर अपने 20 मिनट के संबोधन में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने वहां उपस्थित नेताओं से इतिहास से मिली सीख याद रखने की अपील की। साथ ही दुनियाभर में शांति की उम्मीद कायम करने की पैरवी की।

PunjabKesari मैक्रों ने राष्ट्रवाद और देशभक्ति में बताया फर्क
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, 'अलगाव, हिंसा या प्रभुत्व के नाम पर इस उम्मीद को खत्म करना ऐसी गलती होगी, जिसके लिए आने वाली पीढि़यां हमें जिम्मेदार मानेंगी। राष्ट्रवाद और देशभक्ति में फर्क है। राष्ट्रवाद घातक है। अपने हित को सर्वोपरि मानते हुए और दूसरों के हित की अनदेखी से हम उस भावना को खत्म कर देते हैं जो किसी राष्ट्र को महान बनाती है।'

PunjabKesariये देश हुए शामिल
कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के व्लादिमीर पुतिन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की उपस्थिति अहम रही। राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं ने भी इस मौके पर शांति का संदेश दिया। 
PunjabKesari

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट 
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'यह ऐसा युद्ध था, जिसमें भारत ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा नहीं लिया था लेकिन केवल शांति के लक्ष्य के साथ हमारे सैनिक इसमें शामिल हुए।' कैनबरा में आयोजित एक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा, 'हमारे भविष्य के लिए उन्होंने अपना वर्तमान दांव पर लगा दिया।' ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे और प्रिंस चा‌र्ल्स ने लंदन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

 PunjabKesari
शांति के संदेश के साथ दिखी रिश्तों की तल्खी 
शांति के संदेश के साथ पेरिस में आयोजित कार्यक्रम में रिश्तों की तल्खी भी साफ दिखी। ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और कुछ अन्य वैश्विक नेताओं से हाथ मिलाया लेकिन ट्रूडो की ओर हाथ नहीं बढ़ाया। कुछ वक्त पहले ट्रंप ने उन्हें बेईमान और कमजोर बताया था।

PunjabKesari

 मर्केल का हुआ विरोध 
दूसरी ओर, जर्मनी के धुर दक्षिणपंथी नेता एलेक्जेंडर गौलांद ने कार्यक्रम में मर्केल के शामिल होने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि विजेताओं के इस आयोजन में जर्मनी के लिए कोई जगह नहीं थी। कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे ट्रंप का विरोध भी देखने को मिला। दो महिलाओं ने नग्न होकर उनका विरोध किया। हालांकि उन्हें तुरंत पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!