Edited By Jyoti,Updated: 18 Sep, 2018 07:37 AM
आज 17 सितंबर, 2018 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 68वां जन्म दिवस मना रहे हैं। ऐसे में लाज़िमी है कि इनके जन्मदिवस पर इनकी कुंडली की विवेचन की जाए। नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म दिवस इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 सितंबर...
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17 सितंबर 2018 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 68वां जन्म दिवस मना रहे हैं। ऐसे में लाज़मी है कि इनके जन्मदिवस पर इनकी कुंडली की विवेचना की जाए। नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 रविवार के दिन प्रातः 11 बजे मेहसाणा गुजरात में हुआ था। नरेंद्र मोदी की कुंडली में वृश्चिक लग्न उदित हो रहा था तथा लग्न में ही चंद्रमा और मंगल भी विराजमान थे। यही सब उनके गतिशील व्यक्तित्व यानी डायनॉमिक पर्सनैलिटी का कारण बने। धनेश और पंचमेश बृहस्पति का चौथे भाव में बैठना इन्हें श्रेष्ठ राजनेता बनाता है। 5वें में भाव का नीच राहु और 11वें भाव का नीच केतु इन्हें कूटनीतिज्ञ बनाता है। साथ ही इनके निजी जीवन को निष्प्रभावी भी बनाता है। 10वें भाव में शुक्र-शनि की युति इनके पराक्रम का कारण है। 11वें भाव में बन रहा बुध आदित्य योग इन्हें सफलता के साथ-साथ प्रसिद्धि दिलाता है।
17 सितंबर, 2018 की वर्षफल तकनीक के अनुसार नरेंद्र मोदी अपना 68वां साल खत्म कर चुके हैं और उनका 69वां साल प्रारंभ हो रहा है। रात को 8 बजकर 47 मिनट और 54 सेकंड पर ट्रू सोलर रिटर्न चार्ट( True Solar return chart) के अनुसार, इनकी वर्षफल की कुंडली मेष लग्न की बन रही है, जिसमें राहु के चौथे घर में मुंथा भी विराजमान है। इसके साथ-साथ सूर्य और बुध में राशि परिवर्तन योग बन रहा है तथा 7वें भाव में शुक्र-गुरु की युति है। भाग्य भाव में शनि और चंद्रमा विष दोष बनाते हैं तथा दसवें भाव में मंगल-केतु की युति फिर से सत्ता में आने का संकेत दे रही है। वर्षफल के अनुसार, आने वाला 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के लिए बहुत मुश्किलों और कांटों से भरा होगा। इस बार भाजपा अपने बूते सरकार बनाने में असफल रह सकती है। वैसे, भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में फिर से उभरेगी, लेकिन 2014 जैसी बंपर जीत हासिल नहीं कर पाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी की लग्न कुंडली में बाधक चंद्रमा विराजित है, जो उनसे कुछ एेसे निर्णय करवा देता है जो राष्ट्रहित में तो होते हैं, लेकिन जनहितकारी साबित नहीं होते। वर्तमान समय में चल रही चंद्रमा की महा दशा में केतु की अंतर्दशा 27 फरवरी 2019 से प्रारंभ होकर 28 सितंबर 2019 तक चलेगी, जो ये तय करती है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मस्थान और राज्य से दूर रहेंगे। अगर लोकसभा चुनाव 30 मार्च 2019 से लेकर 15 अप्रैल 2019 के बीच हुए तथा इसका रिजल्ट 15 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच आ गया तो भाजपा 200 से 225 के बीच सीटें हासिल कर पाएगी। ग्रहों की चाल से एेसा प्रतीत होता है कि बुधवार दिनांक 28 नवंबर, 2018 रात्रि के बाद जैसे ही शनि मूल नक्षत्र को त्यागकर शुक्र के नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा में प्रवेश करेगा, वैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के भाव धड़़ाम से गिरेंगे और उसी समय से एेसा लगता है कि भारत सरकार कच्चे तेल को करनीति से बाहर ले आएगी।
11 अक्टूबर रात 8 बजकर 39 मिनट पर गुरु अपनी राशि परिवर्तित करेंगे और इनकी कुंडली में लग्न पर गोचर करेंगे। इसके कारण नरेंद्र मोदी फिर एससी-एसटी एक्ट पर पुनर्विचार करेंगे। कुल मिलाकर एेसी संभावना है कि मोदी जी गठजोड़ की राजनीति से 2019 में फिर से सरकार बनाने में सफल रहेंगे।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
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