Edited By ,Updated: 04 Jun, 2015 02:27 PM
यदि सवा लाख से अकेला सिंह लोहा ले सकता है तो फिर कौर भी किसी से कम नहीं है और हमारा इतिहास गवाह है कि कौर ने
वाशिंगटनः यदि सवा लाख से अकेला सिंह लोहा ले सकता है तो फिर कौर भी किसी से कम नहीं है और हमारा इतिहास गवाह है कि कौर ने हमेशा मैदान में मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है।
ऐसी ही शेरनी रणबीर कौर अमरीकी आर्मी में शामिल होने वाली पहली सिख लड़की बन गई। रणबीर कौर 2003 में अमरीकी आर्मी में शामिल हुई थी। उसने 17 साल की उम्र में यू.एस. नैशनल गार्ड को ज्वाइन किया और अफगानिस्तान में भी अमरीकी मिशन में भी डेढ़ साल तक अपनी सेवा दीं।
रणबीर कौर का जन्म पंजाब के जालंधर के निजरें गांव में हुआ। 7 सालों की उम्र में उसने अपने पिता के साथ अमरीकी धरती पर पैर रखा। आर्मी में शामिल होने के उसके फैसले को पहले अमरीका की नागरिकता लेने के मतलबी कदम के रूप में देखा गया लेकिन उसके पास तो पहले ही अमरीका की नागरिकता थी और उसने अपना मज़ाक उडाने वालों को फौज की सख़्त प्रशिक्षण लेकर गलत साबित कर दिया।
2005 में न्यू ऑर्लेयंस में आए भयानक कैटरीना तूफ़ान में जब अमरीका में तबाही मच गई तो यह रणबीर कौर ही थी, जिसने कई कीमती जानें बचाकर अपना फ़र्ज़ निभाया और साथ ही तूफ़ान में तबाह हुए गुरुद्वारा साहब श्री गुरु ग्रंथ साहिब को भी सुरक्षित निकाल लाई। रणबीर ने इराक जैसी जंग का सामना कर रहे देश में भी अपनी; सेवा दीं, जिस दौरान वह ज़ख्मी भी हो गई और इसके बावजूद उसने अपनी ड्यूटी पूरी की।