जल्द बढ़ सकता है रेल का किराया

Edited By ,Updated: 17 Jan, 2015 11:21 AM

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रेलवे की आर्थिक हालत सुधारने के लिए सरकार कम दूरी के किराए बढ़ा सकती है।

नई दिल्लीः रेलवे की आर्थिक हालत सुधारने के लिए सरकार कम दूरी के किराए बढ़ा सकती है। एयरलाइंस की तर्ज पर अगर ट्रेन में आप विंडो सीट, टेबल वाली सेंट्रल सीट या फिर लोअर बर्थ चाहते हैं तो किराए के साथ प्रीमियम भी देना पड़ सकता है।
 
रेलवे की माली हालत सुधारने के लिए बनी डी. के. मित्तल कमिटी ने ये सुझाव दिए हैं। उनके मुताबिक, छोटे रूट और इंटरसिटी मूवमेंट (400 किलोमीटर से कम का सफर) में किराया रोड ट्रांसपोर्ट से ज्यादा होना चाहिए। कमिटी ने सेकंड क्लास (स्लीपर/जनरल) में सफर करने वालों का किराया बढ़ाने को भी कहा है। हर 2 महीने में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से सेकंड क्लास के किराए में बढ़ौतरी की सिफारिश की गई है। इन किरायों में उपनगरीय और इंटरसिटी ट्रेनें भी शामिल हैं।
 
कमिटी ने उपनगरीय और गैर-उपनगरीय सेवाओं में सामान्य किराया भी दोगुना बढ़ाने की सिफारिश की है। कमिटी की मानें तो सामान्य कैटिगरी का न्यूनतम किराया 10 रु. प्रति किलोमीटर के बजाय 20 रु. प्रति किलोमीटर होना चाहिए।
 
कमिटी के मुताबिक कुछ ऐसी ट्रेनें हैं, जिनमें टिकट बुकिंग खुलते ही सभी सीटें 6 से 12 घंटे में बुक हो जाती हैं। कमिटी का सुझाव है कि रेलवे को ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिए, जिससे कि टिकट कैंसल कराने वालों पर ज्यादा चार्ज लगाया जाए। यह भी देखा जाए कि टिकट बुक कराने वाले असल पैसेंजर हैं भी या नहीं।
 
कमिटी ने कहा कि रेल किराए में बढ़ौतरी को कन्ज़यूमर प्राइस इंडेक्स से जोड़ा जाए। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर तिमाही यह इंडेक्स जारी करता है, जिससे आम आदमी को मिलने वाली चीजों की महंगाई जाहिर होती है। यानी अगर महंगाई बढ़ेगी तो टिकट भी महंगा होगा। कमिटी ने इस बारे में रेल टैरिफ अथॉरिटी को अधिकार देने की बात कही है। कमिटी ने कहा कि सारी व्यवस्था अगले 5 साल तक होनी चाहिए, जिससे कि रेल सर्विस की क्वॉलिटी इंप्रूव की जा सके।
 

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