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कोलकाता, चार फरवरी (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति ने गुरूवार को ईस्ट बंगाल द्वारा अपने मुख्य कोच रॉबी फॉलर के चार मैच के निलंबन और पांच लाख रूपये जुर्माने के फैसले को बदलने के लिये समीक्षा अनुरोध खारिज कर दिया लेकिन संचालन संस्था ने कहा कि भारतीय रैफरियों के खिलाफ उनकी ‘टिप्पणियां’ नस्लीय नहीं थी।

लीवरपूल के इस महान खिलाड़ी को बुधवार को भारतीय रैफरियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का दोषी पाया गया था और उन्हें एआईएफएफ अनुशासनात्मक संहिता के अनुच्छेद 59.1 के अंतर्गत आरोपित किया गया था जो नस्लीय टिप्पणी करने से संबंधित है।

फॉलर ने 29 जनवरी को इंडियन सुपर लीग में एफसी गोवा के खिलाफ 1-1 ड्रा के बाद भारतीय रैफरियों के खिलाफ टिप्पणी की थी।

सजा के एक दिन बाद ईस्ट बंगाल के शीर्ष अधिकारी देबब्रत सरकार ने एआईएफएफ की अनुशासनात्मक समिति के चेयरमैन ऊषानाथ बनर्जी से एक शतक पुराने क्लब के व्यापक हितों में इस फैसले पर दोबारा विचार का अनुरोध किया।

लेकिन बनर्जी ने यह अनुरोध ठुकरा दिया और एक बयान में कहा, ‘‘फॉलर द्वारा किये गये दुर्व्यवहार पर समिति ने सर्वसम्मति से सजा दी है जिस पर सहानुभूति से कोई पुनर्विचार नहीं किया जायेगा और इसमें समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं है। ’’
एआईएफएफ ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्टों को देखने के बाद समिति ने स्पष्ट किया कि फॉलर की कोई भी टिप्पणी नस्लीय नहीं थीं। ’’
इस निलंबन का मतलब है कि वह 19 फरवरी को एटीके मोहन बागान के खिलाफ होने वाले मुकाबले में उपस्थित नहीं हो पायेंगे और वह टीम के 27 फरवरी को ओड़िशा एफसी के खिलाफ मुकाबले में ही वापसी कर पायेंगे।


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