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नई दिल्ली : युवा स्ट्राइकर लालरेमसियामी का कहना है कि टोक्यो खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद अब समय अगले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई करने पर ध्यान लगाने का है। मिजोरम की 21 साल की खिलाड़ी टीम के पहली बार ओलिम्पिक सैमीफाइनल तक के सफर के शानदार प्रदर्शन का अहम हिस्सा रही थीं।

भारतीय महिला टीम टोक्यो ओलिम्पिक में दुनिया की कुछ शीर्ष टीमों के खिलाफ खेली। रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम ने 3 बार की ओलिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता आस्ट्रेलिया को क्वार्टरफाइनल में 1-0 से हराकर इतिहास रच दिया जिससे वह पहली बार ओलिम्पिक के सेमीफाइनल में पहुंची जिसमें उसे अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा।

लालरेमसियामी ने कहा कि हमने क्वार्टरफाइनल में आस्ट्रेलिया जैसी टीम को हराया और ओलिम्पिक में पहली बार सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। इतिहास का हिस्सा बनना बहुत विशेष अहसास है और मैं इसे जीवन भर याद रखूंगी।

वर्ष 2019 में एफआईएच महिला सीरीज फाइनल्स के दौरान अपने पिता के निधन की खबर सुनने के बावजूद लालरेमसियामी ने टीम के साथ रूकने का फैसला किया था। भारतीय टीम ने यह टूर्नामेंट जीत लिया था। टोक्यो में इतिहास रचने वाली भारतीय महिला टीम का हिस्सा बनकर अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करने वाली लालरेमसियामी अब ओलंपिक पदक जीतने का लक्ष्य बनाए हैं।