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नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) भारतीय महिला फुटबॉल टीम की मुख्य कोच मेमोल रॉकी ने हाल में हुए अपनी टीम के सुधार के पीछे खिलाड़ियों के लिये शुरू की गयी ‘स्ट्रेंथ ट्रेनिंग’ को श्रेय दिया।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ़) टीवी से बात करते हुए मेमोल ने उस समय का जिक्र किया जब पहली बार टीम में इसे शुरू किया गया था।

मेमोल ने कहा, ‘‘हम ओलंपिक क्वालीफायर के लिये तैयारी कर रहे थे और मुझे याद है हमारे महासचिव कुशल दास सर और राष्ट्रीय टीम के निदेशक अभिषेक यादव के साथ बैठक हुई थी। हमारा एक लंबा शिविर हुआ था और तभी पहली बार हमने ‘स्ट्रेंथ ट्रेनिंग’ को शामिल किया था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास दो फिजियो थे, दोनों 24 घंटे सातों दिन लड़कियों के साथ अलग अलग ट्रेनिंग पर काम करते रहते थे। हमारा सुबह एक ‘स्ट्रेंथ ट्रेनिंग’ का सत्र होता था और शाम में ‘टैक्टिकल’ सत्र। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा एक वीडियो सत्र भी होता था जिसमें हम लड़कियों को दिखाते थे कि वे कहां गलत रहीं और उनके खेल में सुधार पर काम करते थे। इससे काफी अंतर पड़ा। ’’
मेमोल ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को पिच पर भी मजबूत होने की जरूरत है और इस इकाई ने यह दिखा दिया है। ’’
स्ट्रेंथ सत्र के अलावा फिजियो ने उनके खान-पान पर भी काफी ध्यान दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह जानना होता है कि क्या खाया जाये। वे पहले सामान्य घर का खाना खाती थीं, लेकिन मैंने एक नियम बना दिया कि जब भी कोई वजन बढ़ाकर लौटी तो उसे शिविर के दौरान ज्यादा काम करना होगा। इससे लड़कियां थोड़ी सतर्क हो गयीं। ’’
भारत ने पहली बार एएफसी महिला ओलंपिक क्वालीफायर के पहले दौर के लिये क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया था।


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